यहां नहीं मिलती दवाई, इसलिए डोलते रहते हैं मरीज, जानिए आप भी…

माणकमल भण्डारी @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


भीनमाल. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत 612 दवाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा हैं, लेकिन जिले के अस्पतालों में एंटीबायोटिक, बुखार, दर्द, श्वासरोग, एलर्जी से लेकर जीवनरक्षक दवाएं भी निजी या सहकारी मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। अस्पतालों के सब ड्रग स्टोर में 300 दवाएं ही उपलब्ध हैं। इनमें भी सर्वाधिक उपयोग में आने वाली दवाओं की आपूर्ति करीब दो माह से नहीं हो रही है।

 

बच्चों का एक भी एंटीबायोटिक नहीं

नए अस्पताल में बच्चों के लिए एक भी एंटीबायोटिक उपलब्ध नहीं है। चोट या दुर्घटना में घायल होने पर टिटनेस जैसे सामान्य इंजेक्शन के लिए भी मरीज को अस्पताल के बाहर दौडऩा पड़ रहा है। यहीं हाल भीनमाल के भी है। यहां भी हर दूसरे पर्चे पर लिखी जाने वाली एंटी एलर्जिक टेबलेट सिट्राजिन, बुखार व दर्द की डायक्लोपैरा भी निजी स्टोर से खरीदनी पड़ रही है।

डेंगू मलेरिया की दवा का भी टोटा

तीनों अस्पतालों में भर्ती मरीजों के डेंगू व मलेरिया में लगने वाले आर्टी सुनेट इंजेक्शन दो माह से उपलब्ध नहीं हैं। दवाओं से होने वाली एसीडिटी को रोकने की दवा रेनेटिडिन और पेंटापेराजोल भी चार माह से मरीजों को नहीं मिल रही। साथ ही इसकी स्थानीय खरीद भी नहीं हो रही है। एंटीबायोटिक के साथ दी जाने वाली विटामिन बी कॉम्पलेक्स और अस्थि रोगियों ंको लिखी जाने वाली कैल्शियम टेबलेट की भी यही स्थिति है।

 

जीवनरक्षक दवाओं की भी स्थिति खराब

अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन पिछले दो सप्ताह से नहीं मिल रहे हैं। एक अन्य जीवन रक्षक व महंगी एट्रोपिन तो तीन माह से मरीजों को नहीं मिल रही है।

एएनए हिट बंद होना सबसे बड़ी समस्या

नि:शुल्क दवा योजना का पूरा सिस्टम ऑनलाइन है, लेकिन अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की ही एंट्री की जाती है, जबकि सभी दवाओं की एंट्री की जानी चाहिए, जो दवा उपलब्ध नहीं है, उनको एनए (नॉट एवेलेबल ) हिट कर दिया जाता है। ताकि शॉर्ट दवा की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंच सके, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में समय पर एनओसी नहीं मिल रही और स्थानीय स्तर पर खरीद प्रक्रिया में देरी से भी मरीजों को दवा नहीं मिल रही है।

प्रभारी बोले-जारी कर दी एनओसी

इस सम्बंध में प्रभारी अस्पताल अधीक्षक से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि दवाइयों की कमी हैं, इनके लिए अस्पतालों को एनओसी जारी कर दी है। ताकि अस्पताल स्थानीय खरीद कर ले। वहीं करीब 300 दवाओं की खरीद का अनुमोदन आरएमएससीएल को जयपुर भेजा है।

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