जालोर जिले के इस एसडीएम पर 45 हजार की रिश्वत का आरोप, लोकायुक्त में पहुंची शिकायत…
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
जिले के सायला उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा के खिलाफ एक व्यक्ति ने लोकायुक्त में शिकायत कर 45 हजार की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रिश्वत में ली गई राशि वापस दिलाने एवं उपखंड अधिकारी व रीडर के खिलाफ लोकपाल कानून के तहत कार्यवाही की मांग की है।
यह है मामला
जोड़ विराणा (सायला) निवासी नगाराम पुत्र विरमाराम चौधरी ने लोकायुक्त को भेजी शिकायत में बताया कि दिनांक 3 जुलाई 2017 को मैंने व मेरे भाई भैराराम ने एक नामान्तरणकरण अपील उप जिलाधीश सायला में प्रस्तुत की। चूंकि प्रथम दृष्टतया मामला, सुविधा का संतुलन एवं अपूर्णनीय क्षति मुझ प्रार्थी के पक्ष में होने से स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। साथ ही मौके व रेकर्ड की यथास्थिति बनाए रखने का निवेदन किया। जिस पर उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा ने उससे 50 हजार रुपए देने पर स्थगन आदेश देने की बात कही। शिकायत में पीडि़त ने बताया कि वह खेतीबाड़ी करता हैं तथा बीते 40 साल से अधिक समय से मेरी इस खातेदारी आराजी पर मेरा कब्जा व काश्त है। मैं इस भूमि को किसी अन्य के हाथों में नही जाने देने चाहता था। इसलिये मैंने व मेरे पुत्र चेनाराम ने रुपए कम करने का निवेदन किया, जिस पर 40 हजार रुपए में सौदा तय हुआ।
रीडर पर दलाली का आरोप
शिकायत में बताया कि यह राशि उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा ने अपने रीडर शंभूसिंह द्वारा प्राप्त किए। इस दौरान शंभूसिंह ने बिचौलिए का काम करते हुए दस हजार रुपए की मांग की। जिस पर मैंने पांच हजार रुपए शंभूसिंह को अलग से दिए। इस तरह मैंने कुल 45 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर चुकाए। इस दौरान उसके पास कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे। रुपए देते हुए मुझे 3 जुलाई को स्थगन प्राप्त हुआ। इस प्रकरण की तारीख पेशी 3 अगस्त को रखी गई।
फैसला देने के लिए पांच लाख मांगने का आरोप
शिकायत में बताया कि रेस्पोडेन्ट की तामील होने पर दूसरे पक्ष से वकील वगैरा उपस्थित हुए। उस दिन भी उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा ने मुझे अलग से चैम्बर मे बुलाकर चेनाराम व मेरे वकील को कहा कि रेस्पोडेन्ट द्वारा स्थगन वेकेण्ट करने के लिए मुझे पांच लाख रुपए का प्रस्ताव मिला है। यदि यह राशि आप मुझे देते हो तो नामान्तरणकरण अपील का फैसला पूरा आपके हक में दे दूंगा। मुझ प्रार्थी के पुत्र चेनाराम ने समय मांगा जिस पर समय दिया गया तथा तारीख भी 11 अगस्त दी गई। 11 अगस्त को उपखंड अधिकारी ने फिर से मेरे पुत्र चेनाराम को पांच लाख रुपए देने पर फैसला पक्ष में सुनाने की बात कही। इस पर मेरे वकील ने एक प्रार्थना पत्र मूल पत्रावली ग्राम पंचायत रेवतड़ा एवं तहसील कार्यालय सायला से रेकर्ड पर लिए जाने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा ने द्वेष भावना से पुन: पत्रावली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तिथि रखी। इस दिन उपखंड अधिकारी ने फिर से रुपए देने की मांग दोहराई। इस पेशी पर मैं अपने वकील के साथ न्यायालय में मौजूद रहा। लेकिन उपखंड अधिकारी ने द्वेषतावश यह पत्रावली अदम हाजरी व अदम पैरवी में खारिज कर दी।
पीडि़त ने की यह मांग
शिकायत में पीडि़त ने मांग की है कि मैंने अपने मेरे पुत्र चेनाराम के जरिए 45 हजार की राशि का रिश्वत के तौर पर रीडर शंभूसिंह को भुगतान किया। जिसमें से 40 हजार रुपए उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा व पांच हजार रुपए शंभूसिंह ने लिए। लिहाजा, यह राशि मुझे वापस दिलाई जाए तथा उपखंड अधिकारी व रीडर के खिलाफ लोकपाल कानून के तहत सख्त कार्यवाही की जाए।
मामला ध्यान में नहीं
रिश्वत का कोई मामला मेरे ध्यान में नहीं है। अगर कोई फैसला दिया होगा तो न्यायिक आधार पर ही दिया होगा।
– केशव मिश्रा, उपखंड अधिकारी, सायला
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