ईवीएम हैकिंग चैलेंज : सबसे ज्यादा दावे करने वली पार्टियां नहीं लेगी हिस्सा

नई दिल्ली.

कुछ दिनों पहले यूपी और पंजाब चुनावों में हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा था। यहां तक कि कई पार्टियों ने दावा कर दिया कि चुनावों में ईवीएम को हैक किया गया है। चौकाने वाली बात तो यह थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने ईवीएम हैक करने का डेमो पेश कर दिया और बताया कि कैसे बीजेपी चुनावों में जीत हासिल करती है। इसके बाद तो हारने वाली पार्टियों को जैसे हार की जिम्मेदारी से बचने का मौका मिल गया। उसके बाद चुनाव आयोग, राष्ट्रपति और न्यायालय तक ईवीएम हैक की शिकायतें की गई।

ऐसे स्थिति में चुनाव आयोग ने शनिवार को ईवीएम चैलेंज ऑर्गनाइज करने जा रहा है। लेकिन ईवीएम को लेकर सबसे ज्यादा हो-हल्ला करने वाली राष्ट्रीय पार्टियों में से सिर्फ 2 पार्टियां (एनसीपी और सीपीआई-एम) ही इसमें हिस्सा ले रही है।  इस चैलेंज के लिए 14 ईवीएम रखी जाएंगी। चुनाव आयोग प्रत्येक पार्टी को हैक करने लिए चार घंटे देगा।
ईवीएम पर तमाम सवाल उठाने वाली ‘आपÓ इस चैलेंज में हिस्सा ही नहीं ले रही है। उसने मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कमीशन ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था।

आम आदमी पार्टी द्वारा इस तरह से ईवीएम हैक करने का डेमो पेश किया गया था। फाइल फोटो

चुनाव आयोग ने कहा था- अगर मदरबोर्ड ही चेंज कर दिया तो वो असली ईवीएम कैसे रहेगी। यूपी असेंबली इलेक्शन में बीजेपी की जीत पर सवाल उठाने वाली बीएसपी, टीएमसी और कांग्रेस भी इसमें हिस्सा नहीं ले रही हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि वो चैलेंज में इसलिए हिस्सा नहीं लेगी क्योंकि इलेक्शन कमीशन उसकी शर्तें नहीं मान रहा है। आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि ना तो ईवीएम के मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत होगी और ना मशीन के किसी इंटरनल सर्किट से छेड़छाड़ की जा सकेगी। ईवीएम को चुनाव आयोग के दफ्तर से बाहर नहीं ले जाया जा सकेगा। एनसीपी को मशीनों की डीटेल्स भेज दी गई हैं। चैलेंज का वीडिया तैयार किया जाएगा। रिप्रेजेंटेटिव्स हैकिंग के लिए फोन या ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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