पहले भागकर किया प्रेम विवाह, पुलिस ने पकड़ा तो दर्ज कराया दुष्कर्म का मामला, कोर्ट ने माना झूठा…
जयपुर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
एक युवक-युवती ने घर ने भागकर आर्य समाज में शादी की। लेकिन युवती के परिजनों की शिकायत पर जैसे ही पुलिस दोनों को पकड़कर लाई, युवती ने अपने पति पर ही अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। इसके बाद पति 22 माह तक जेल में रहा। ट्रायल के दौरान ने कोर्ट ने मामले को झूठा मानते हुए ना केवल पति को बरी किया, बल्कि पत्नी की ओर से लगाई गई भरण पोषण की याचिका भी खारिज कर दी।
दरअसल, पांच्यावाला स्थित श्याम एन्क्लेव निवासी रामप्रसाद जांगिड़ ने घर से भागकर एक युवती से आर्य समाज में शादी की। इसके बाद अजमेर नगर निगम में शादी का रजिस्ट्रेशन कराया। इतना ही नहीं दोनों में इसके बाद गणेश मंदिर में भी शादी की। इसके बाद शादी का इकरारनामा बनवाकर नोटेरी पब्लिक से सत्यापित कराया। लेकिन युवती के परिजनों को इसका पता चला तो उन्होंने दोनों को धमकाया। जिसके खिलाफ कामिनी ने दौसा पुलिस को पीहर पक्ष के परिजनों के खिलाफ लिखित शिकायत भी की।
पुलिस ने पकड़ा तो अपहरण-दुष्कर्म का आरोप
युवती के पिता ने युवक के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस जब दोनों को दस्तयाब कर लाई तो युवती ने रामप्रसाद के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान वह करीब 22 महीने तक जेल में रहा। ट्रायल के बाद न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।
लगाई थी भरण पोषण की याचिका
युवती ने एसीजेएम संख्या 11 में याचिका दायर कर अंतरिम भरण पोषण की मांग की थी। जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसे धोखा देकर और डरा धमका कर दुष्कर्म किया। यह घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है। आरोपी एक लाख रुपए महीना कमाने वाला ठेकेदार है। लिहाजा उसे पढ़ाई व घरेलू खर्च के लिए 25 हजार रुपए भरण पोषण दिया जाए। युवक के वकील की ओर से कोर्ट में दलीलें दी गई, जिसमें बताया गया कि युवती ने अपनी इच्छा से शादी की थी। वह स्वयं प्राइवेट नौकरी करने के साथ पढ़ाई करती है। जबकि रामप्रसाद ठेकेदार नहीं है। इस दौरान शादी का इकरारनामा व युवती की ओर से पुलिस में परिजनों के खिलाफ की गई शिकायत भी पेश की गई। जिस पर मजिस्ट्रेट सरिता स्वामी ने युवक को अपहरण व दुष्कर्म के मामले में दोषमुक्त किया।