जयपुर की सड़कों पर फैली आरक्षण की आग, बीजेपी दफ्तर के बाहर तोडफ़ोड़
जयपुर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
सवर्ण आरक्षण का मामला जोर पकड़ा जा रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को सवर्ण जाति से संबद्ध संगठनों ने ना केवल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया, बल्कि बीजेपी कार्यालय के बाहर तोडफ़ोड़ भी की। हंगामे के दौरान हालात इस कदर बिगड़ गए कि मौके पर पुलिस बुलाकर हालात पर काबू पाना पड़ा। इस दौरान बड़ी तादाद में आंदोलनकारी भगवा झंडा व डंडे थामे विधानसभा के बाहर मौजूद रहे।
राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, राजस्थान प्रदेश वैश्य महासभा तथा प्रदेश अग्रवाल महासभा समेत कई सवर्ण संगठन के बैनरतले हुए प्रदर्शन में करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है। संगठनों की ओर से सरकारी नौकरियों में सवर्णों को आरक्षण दिलाने की मांग मुख्य है। इसको लेकर आंदोलनकारी भगवा झंडा व डंडा थामे बड़ी तादाद में विधानसभा के बाहर एकत्रित हो गए। इस दौरान इन लोगों ने सत्तासीन भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही सवर्णों को आंदोलन देने के मामले में उदासीनता को लेकर आंदोलनकारियों ने भाजपा कार्यालय के बाहर तोड़तोड़ की। वहीं वहां खड़ी कारों में भी तोडफ़ोड़ कर पोस्टर-बैनर फाड़ दिए।
सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई
आंदोलनकारियों ने विधानसभा के बाहर लगे सिक्युरिटी बैरिकेडिंग के पास जमघट लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मामला बिगड़ते देख पुलिस जाप्ता बुलाया गया। इस दौरान पुलिस के आला अफसर भी मामले पर नजर बनाए हुए थे। वहीं कानून व्यवस्था के तौर पर ुलिस का बड़ा जाप्ता तैनात रहा। आंदोलनकारियों को खदेडऩे के लिए वज्र वाहन व वाटर केनन की व्यवस्था भी की गई।
खाचरियावास बोले-सरकार पूरा करें वादा, भाजपा ने लगाया कांग्रेस पर आरोप
शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया कि सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का वादा किया था। जिसमें ब्राह्मण, वैश्य, कायस्थ, राजपूत, सिंधी, मुसलमान व पंजाबियों को शामिल करना था। इसके लिए कमेटी भी बनाई गई, लेकिन कमेटी ने कोई कार्यवाही ही आगे नहीं बढ़ाई। सरकार को तीन साल होने के बावजूद आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के मामले में उदासीनता बरती जा रही है। जबकि कांग्रेस की पिछली सरकार ने गरबी सवर्णों को चौदह प्रतिशत आरक्षण देने की कार्यवाही शुरू की थी। इधर, भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस के इशारे पर आंदोलन करने का आरोप लगाया है।