कल रात से शुरू होंगे टोल नाके, चिंता में टोल संचालक, जानिए वजह…
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
देश में 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद खुले की समस्या के चलते सरकार ने २ दिसम्बर तक वाहनों को टोल टैक्स फ्री किया था। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ी वजह खुले की समस्या के कारण किसी भी तरह के विवाद को टाल कर कानून व्यवस्था बनाए रखना था। बाजार में 500 व 2000 रुपए के नए नोट आने एवं खुले की समस्या कम होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर टोल नाकों को शुरू करने की तैयारियां शुरू हो गई है। लेकिन इस सबके बीच टोल संचालकों के लिए फिर से समस्या खड़ी हो गई है।
जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता व पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा की मौजूदगी में गुरुवार को टोल संचालक फर्म के प्रतिनिधियों, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी व बैंक अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों को आपसी समन्वय से टोल संचालकों को प्रति सप्ताह 50 हजार रुपए की चिल्लर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसमें 100, 50, 20 के अलावा छोटे नोट व सिक्के शामिल है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि खुले उपलब्ध करवाते समय टोल संचालकों से 500 व 1000 के पुराने नोट स्वीकार नहीं किए जाए। लेकिन इस सबके बावजूद टोल संचालक अपर्याप्त खुले रुपए एवं कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित है।
प्रति दिन चाहिए एक-डेढ़ लाख रुपए खुले
जिला कलेक्टर ने टोल संचालकों को प्रति सप्ताह पचास हजार रुपए के खुले रुपए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन टोल संचालकों की मानें तो उन्हें प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख की आवश्यकता रहेगी। दरअसल, इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों के पास नई मुद्रा के तौर पर दो हजार के नोटों की अधिकता है। उदाहरण के तौर पर अगर दो घंटे में 25 वाहन चालक आकर अगर टैक्स चुकाने के लिए दो हजार रुपए का नोट दे, तो टोल संचालकों को मजबूरी में उन्हें ऊपर की राशि खुली देनी पड़ेगी। वे इस नेाट को अस्वीकार भी नहीं कर सकते। ऐसे में यह खुली रकम आधे दिन भी नहीं चलेगी।
वाहन चालकों से विवाद की आशंका
टोल संचालकों की मानें तो उन्हें बैंकों की ओर से उपलब्ध करवाई जाने वाली राशि काफी कम है। इससे खुले रुपए नहीं होने पर वाहन चालकों से विवाद की आशंका है। इसके लिए उन्हें पुलिस प्रशासन से सहयोग की आवश्यकता भी रहेगी। अन्यथा खुले के अभाव में वे हर वाहन चालक से बहसबाजी की स्थिति में नहीं है। वहीं इससे टोल कर्मचारियों में भी हमेशा डर बना रहेगा। टोल संचालकों के मुताबिक या तो बैंकों से उन्हें खुले रुपए ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराए जाए या फिर कुछ दिन और वाहनों को टोल फ्री रहने दे। ताकि कानून व्यवस्था ना बिगड़े।