‘सुनहरा बचपन : अधखिला फूल और माली’ पुस्तक का विमोचन

पृथ्वीराज गोयल @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


भीनमाल. शहर के आदर्श विद्या मंदिर में रविवार को नवोदित लेखक गुमानमल चौहान की पुस्तक ‘सुनहरा बचपन : अधखिला फूल और माली’ का विमोचन पूर्व मंत्री और साहित्यकार जोगेश्वर गर्ग के मुख्य आतिथ्य और साहित्यकार व प्रवक्ता डॉ. अरूणकुमार दवे की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक हुआ। समारोह में जोधपुर हाईकोर्ट के मुख्य लेखाधिकारी दशरथ सोलंकी, व्याख्याता बंशीलाल पंवार, आदर्श माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेन्द्र आचार्य, उद्घोषक मीठालाल जांगीड़ व बीइइओ मोहनलाल विशिष्ट अतिथि के नाते मौजूद थे।
समारोह में मुख्य अतिथि जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जिंदगी की सबसे सरल अवस्था बचपन होती है। बचपन जैसा सरल समय कहीं ओर नहीं होता। बालमन को पढऩा व समझना बड़ा ही दुरूह कार्य है। ऐसे में बचपन पर पुस्तक का लिखा जाना सराहनीय है। वर्तमान में अभिभावकों की अपेक्षा ने भी बचपन और किशोर को मजबूर कर दिया है। उसी का परिणाम है कि हम आए दिन शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के आत्मघात के मामले अखबारों में पढ़ते रहते हैं। भले ही ये मामले दर्जनों की संख्या में है लेकिन इस स्थिति के समाधान के रास्ते हमें खोजने होंगे। भीनमाल महाकवि माघ और विश्वविख्यात गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त की जन्मस्थली रहा है। उद्बोधन के दौरान गर्ग ने एक मां की पीड़ा और मजबूरी की स्थितियों का वर्णन करते हुए एक गीत का पाठ भी किया। पूर्व मंत्री और साहित्यकार जोगेश्वर गर्ग के सम्बोधन के दौरान मौजूद नागरिकों ने उनके सम्मान में कई बार तालियों की गडग़ड़ाहट से उनका स्वागत और समर्थन किया। समारोह के अध्यक्ष एवं मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. अरूण कुमार दवे ने साहित्यक शैली में मंचासिन अतिथियों का परिचय करवाते हुए कहा कि कवि व लेखक जनमानस को टटोलकर अपना लेखन जनहित में प्रस्तुत करता है। एक लेखक बनने के पहले उसे एक अच्छा मनोवैज्ञानिक या मन के भावों को पढऩे वाला पाठक बनना पड़ता है। डॉ. दवे ने भाषा में व्याकरण की महता को बताते हुए कहा कि हमें सोच समझकर पढऩे एवं लिखने पर ध्यान देना चाहिए। इस पुस्तक में स्थानीय शब्दों का भी यथासंभव प्रयोग किया है। उन्होंने वर्तमान समय में साहित्य रचना की महत्ति आवश्यकता बताई। हाईकोर्ट जोधपुर में पदस्थापित कोषाधिकारी दशरथ सोलंकी ने कहा कि इतनी कम उम्र में रचना करना दुर्लभ है, मगर गुमान ने बचपन को लेकर जो पुस्तक लिखी है वह सराहनीय है। प्राचार्य नरेन्द्र आचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में साहित्य लेखन एवं पाठकों की आवश्यकता है। इतनी कम उम्र में गुमानमल की ओर से पुस्तक रचना भीनमाल के लिए गर्व का विषय है। प्रवक्ता बंशीलाल पंवार ने काव्य रचना विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को साहित्य के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। उद्घोषक मीठालाल जांगीड़ ने कहा कि इस रचना ने भीनमाल को गौरवान्ति किया है। अब युवाओं का प्रयास रहेगा कि नगर में साहित्य का दीपक जलता रहे। कार्यक्रम का संचालन युवा साहित्यकार प्रवीण कुमार दर्जी ने किया। इससे पूर्व समारोह की शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन किया तथा अंकित राजपुरोहित ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर डॉ. शैतानसिंह चौहान, डॉ. धनश्याम व्यास, एबीईईओ गजेन्द्र देवासी, पुखराज सोनी, रतीराम गुप्ता, देवीसिंह चुण्डावत, रमाकांत दास, कपूराराम दर्जी, बगदाराम चौहान, रतनाराम चौहान, किशन जीनगर, गणपत लाल, गिरधारीसिंह राजपुरोहित, श्रवण चौहान, मोहनलाल देवासी, छात्रसंघ अध्यक्ष चिंकुसिंह, छात्रनेता चैनाराम पटेल, उत्तम दर्जी, मेघराज चौहान, लीलाराम देवासी, प्रकाश सैन, मोहनलाल गोयल, भरत वैष्णव, कैलाशसिंह राजपुरोहित, मनोहरसिंह राजपुरोहित व नारायण चौहान सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।

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