ईटादा ग्रामसेवक के खिलाफ जांच शुरू, मंत्री तक पहुंची थी शिकायत

जालोर. चितलवाना पंचायत समिति की ईटादा ग्राम पंचायत की ग्रामसेवक के खिलाफ आखिरकार रविवार को जांच शुरू हो गई। ग्रामसेवक के खिलाफ ग्रामीणों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की राशि देने के एवज में हजार-हजार रुपए वसूलने सहित कई शिकायतें की थी। वहीं चितलवाना प्रधान ने भी गत दिनों में प्रभारी मंत्री की बैठक में यह मुद्दा उठाया था।
गौरतलब है कि सोमवार को ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर ग्रामसेवक की शिकायत की थी। ज्ञापन में बताया था कि ईटादा ग्रामसेवक विमला विश्नोई का पदस्थापन हुए करीब एक साल हुआ है। लेकिन उसने न्यायालय को गुमराह करके स्थगन आदेश ले रखा है। ग्रामसेवक अक्सर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहती है। साथ ही ग्रामीणों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के एवज में भी दो-दो सौ रुपए लेती है। ग्राम पंचायत की निविदा में गलत प्रक्रिया अपनाकर अपने रिश्तेदारों के नाम पर स्वीकृति करवा ली। अब इन कामों में जमकर अनियमितता की जा रही है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के चेक देने के एवज में भी प्रति व्यक्ति से हजार रुपए वसूल कर रही है। इसके अलावा गुणवत्ता विहिन शौचालय बनाने वालों के साथ जाकर बैंक से राशि उठा ली। जबकि इनसे बहुत पहले शौचालय निर्माण करने वालों को अब तक राशि नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत क्षेत्र में आधे शौचालय भी नहीं बन पाए, लेकिन गलत आंकड़े पेश कर ओडीएफ जारी कर दी। शिकायत में बताया था कि ग्रामसेवक के खिलाफ राजस्थान सम्पर्क में कई जनशिकायतें दर्ज हैं। वहीं विकास अधिकारी को भी कई बार लिखित शिकायतें पेश की जा चुकी हैं। इस बीच, प्रभारी मंत्री जीतमल खांट के जालोर दौरे पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठक में चितलवाना प्रधान हनुमान प्रसाद ने भी ग्रामसेवक की कार्यशैली को लेकर शिकायत की थी। जिस पर मंत्री ने जांच करवाने के आदेश दिए थे। इस सम्बंध में तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने ग्रामसेवक विमला विश्नोई को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं अवैध वसूली सहित अन्य अनियमितता की जांच के लिए जांच दल गठित किया था। रविवार को जालोर से पंचायत प्रसार अधिकारी हंजाराम व देवाराम जांच के लिए ईटादा ग्राम पंचायत पहुंचे। जहां शाम तक जांच जारी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ग्रामसेवक के खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विवादों से रहा है नाता
ईटादा ग्रामसेवक विमला विश्नोई का विवादों से नाता रहा है। ग्रामीणों की मानें तो वह आम तौर ग्रामीणों को ढंग से जवाब तक देना उचित नहीं समझती। इसके अलावा वह रुपए वसूलने का काम भी बेखौफ होकर करती है। पूर्व में भी उसके खिलाफ शिकायतों के चलते उसे एपीओ किया गया था, लेकिन इसके रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ।

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