video : जब स्याह रात में कई टन वजनी ग्रेनाइट ब्लॉक के साथ पलट गई ट्रक…
जालोर. जिलेभर में लम्बे समय से बिना सुरक्षा के ग्रेनाइट ब्लॉक भरकर बेलगाम दौड़ती ट्रकों की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। कहने को गत दिनों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने एक ही रात में करीब 18 ट्रक सीज की थी, लेकिन इसका खान मालिकों व ट्रक चालकों पर रत्तीभर भी असर नहीं है। यही वजह है कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद बिना किसी खौफ के टनों वजनी ब्लॉक भरकर ट्रक निर्धारित से कई ज्यादा गति से धड़ल्ले से सड़को पर दौड़ रहे हैं। वो भी ग्रेनाइट ब्लॉक को बिना ढके। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका सताती रहती है। शुक्रवार रात को इसी लापरवाही के चलते भैंसवाड़ा के निकट बीओटी रोड पर ही करीब पंद्रह से बीस टन वजन के तीन ब्लॉक नीचे गिर गए। इस दौरान ब्लॉक से भरा ट्रक भी पलट गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त आसपास से कोई छोड़ा वाहन नहीं गुजर रहा था। अन्यथा कोई हादसा भी हो सकता था।
दरअसल, शुक्रवार रात करीब एक बजे आहोर-जालोर बीओटी रोड पर भैंसवाड़ा के निकट आम्बेडकर आवासीय विद्यालय के सामने चलते ट्रक से एक ग्रेनाइट ब्लॉक गिर गया। हालांकि यह ब्लॉक रोड के पास गिर गया। लेकिन इसी दौरान पीछे से ब्लॉक भरकर आ रहे एक अन्य ट्रक ने इस ट्रक को टक्कर मार दी। इससे पीछे वाले ट्रक में भरे दो ग्रेनाइट ब्लॉक के साथ ट्रक रोड पर ही पलट गया। इस दौरान एकबारगी के लिए रोड पर जाम लग गया। हालांकि सुबह तक यहां से गुजरने वाले वाहन पास की खाली जगह से होकर निकले। सुबह यहां लोगों का मजमा लग गया। इस बीच, दो क्रेन की मदद से ट्रक को खड़ा करने के साथ ही ग्रेनाइट ब्लॉक हटाए गए। सुबह दस बजे तक रास्ता सुचारू हो पाया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया।
एसपी ने दिए थे निर्देश
गत दिनों सड़कों दुर्घटनाओं में कमी के लाने के मकसद से विभिन्न संगठनों की बैठक कर ट्रकों में खुले ब्लॉक नहीं भरने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बावजूद इस पर अमल होता नजर नहीं आ रहा है। खान मालिकों के इशारे पर ट्रक चालक बिना किसी खौफ के धड़ल्ले से बिना सुरक्षा मानदंडों का पालन किए टनों वजनी पत्थरों का परिवहन कर रहे हैं।
रात में ज्यादा खतरा
पुलिस व परिवहन विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए ट्रक चालकों ने भी चालाकी बरतनी शुरू कर दी है। आहोर उपखंड क्षेत्र में स्थित विभिन्न खदानों से आने वाले ग्रेनाइट ब्लॉक का रात के समय ज्यादा परिवहन किया जाता है। इन्हें आम्बेडर विद्यालय के सामने स्थित धर्मकांटे पर लाया जाता है। रात गहराने के बाद यहां से ट्रक चालक इन्हें ग्रेनाइट फैक्ट्रियों तक पहुंचाते हैं। इस दौरान इन ट्रकों की गति भी बहुत ज्यादा होती है। कुछ साल पहले सांकरणा टोल नाका के पास दो ट्रकों की आमने-सामने की भिड़त में दोनों ट्रकों के केबिन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। वहीं रात के समय यहां से गुजरने वाले छोटे वाहन चालक भी इन ट्रकों से खासे सतर्क रहते हैं।
नियमित अभियान से लग सकता है अंकुश
दरअसल, ट्रक चालकों के इस दुस्साहस के पीछे पुलिस व परिवहन विभाग की सुस्ती ज्यादा जिम्मेदार है। कई बार इन ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह कार्रवाई महीने-दो महीने में एक दिन के लिए होती है। ऐसे में कुछ दिन सतर्क रहने के बाद इनकी हरकतें फिर से पहली जैसी हो जाती है। ऐसे में अगर नियमित रूप से ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ अभियान चलाया जाए तो शायद काफी हद तक इस पर अंकुश लग सकता है।