किसान धरने के ग्यारहवें दिन पहुंचे कलेक्टर, कलेक्टर हाय-हाय के लगे नारे, विफल रही वार्ता

पृथ्वीराज गोयल @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


भीनमाल. गैर राजनैतिक संगठन राजस्थान किसान संघर्ष समिति जालोर के बैनरतले चल रहे धरने के ग्यारहवें दिन शनिवार की शाम को किसान नेताओं से वार्ता करने पहुंचे जिला कलेक्टर एल.एन. सोनी को किसानों का खासा विरोध झेलना पड़ा। किसान नेताओं की मौजूदगी में उपखण्ड अधिकारी के बन्द चैम्बर में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने वार्ता को विफल बताया। वहीं वार्ता के बाद जिला कलेक्टर सोनी व पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने पत्रकारों से वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी।

कलेक्टर व एसपी ने की पत्रकार वार्ता

जिला कलेक्टर सोनी ने पत्रकारों को बताया कि समिति के प्रतिनिधियों से हमारी सकारात्मक बात हुई है और हम उनकी भावनाओं को अब राज्य सरकार तक पहुंचाकर सभी समस्याओं के निस्तारण की कोशिश करेंगे। धरने के दस दिनों तक नहीं आने या राजनैतिक दबाव होने के सवाल पर कलेक्टर ने बताया कि उनकी परिस्थितियां ही ऐसी थी कि वे नहीं आ सके, उन पर किसी तरह का राजनैतिक दबाव नहीं है। पत्रकारों के द्वारा यह पूछने पर कि आप द्वारा एक दिन में नदी नालों में से बबूल काटने के आदेश दिए गए थे, लेकिन यह क्यों नहीं हुआ? पर उन्होंने कहा कि आदेश तो ऐसे ही देने पड़ते हैं कि यह कार्य तत्काल करो। लेकिन कार्य तो प्रोसेस से ही होता है, वैसे कई जगह बबूल काटे गए हंै और यह कार्य जारी है। पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि धरने के दौरान अब तक कानून व्यवस्था संतोषप्रद है और उन्हें आशा है कि भविष्य में भी कानून व्यवस्था बेहतर ही रहेगी। शर्मा ने बताया कि किसानों और प्रशासन की भावना एक ही है कि भविष्य में बाढ़ से कोई नुकसान न हो इसके लिए पूर्ण प्रयास किए जाए। इस दौरान जालोर पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित, भीनमाल उपखण्ड अधिकारी, सीआई कैलाशचंद्र मीणा व एसआई सहीराम पूनिया भी मौजूद रहे।

काली पट्टी बांधकर पहुंचे समिति के प्रतिनिधि

वहीं कलेक्टर से वार्ता करने सिर पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे समिति के प्रतिनिधि सुरेश व्यास, पुखराज विश्रोई, भलाराम चौधरी व हरीराम विश्रोई ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के विशेष अनुरोध पर हमने कलेक्टर से औपचारिक बातचीत की है। कलेक्टर ने कहा है कि अब वे हमारी मांगें राज्य सरकार तक पहुंचाएंगे। नेताओं ने कहा कि कलेक्टर केवल माध्यम है हमारी मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए। बड़े ही शर्म की बात है कि धरने के ग्यारहवें दिन हमारी मांगें राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन जिला कलेक्टर दे रहे हैं। समिति के संयोजक विक्रमसिंह पूनासा ने बताया कि हमें किसान विरोधी कलेक्टर से कोई बात नहीं करनी थी, वे हमारे आग्रह पर नहीं बल्कि खुद चलकर आए है और मिलने का अनुरोध किया। तब हमने हमारे प्रतिनिधियों को भेजा है। पूनासा ने बताया कि धरना व आमरण अनशन यथावत रहेगा। दिन प्रतिदिन आमजन हमसे जुड़ता जा रहा है। कई संगठनों का समर्थन हमें प्राप्त हो चुका है व हो रहा है। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को करीब 50 हजार किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन व भीनमाल बन्द का ऐतिहासिक आयोजन रहेगा।

कलेक्टर हाय-हाय, मुर्दाबाद, वापस जाओ के नारे लगे

उपखण्ड कार्यालय परिसर के मुख्य दरवाजे के सामने धरना दे रहे किसानों को जैसे ही कलेक्टर के आने की भनक लगी तो सिर पर काली पट्टी बांधें दर्जनों किसान कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर हाय हाय, कलेक्टर मुर्दाबाद व किसान विरोधी कलेक्टर वापस जाओ के जोरदार नारे लगाते हुए कलेक्टर का विरोध किया। किसानों के संभावित विरोध को देखते हुए कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारी उपखण्ड कार्यालय के मुख्य दरवाजे की बजाय एसीजेएम कोर्ट परिसर के दरवाजे से कार्यालय में आए थे।

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