शहीद की स्मृति में बनाया खेल स्टेडियम, शराबियों ने बना दिया मयखाना

जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


शहीद-ए-आजम भगतसिंह की स्मृति में बनाया गया खेल स्टेडियम इन दिनों इस कदर बदहाल है कि यहां खिलाडिय़ों का नहीं, बल्कि दिनभर शराबियों का जमघट लगा रहता है। कहने को यहां चारदीवारी भी बनी हुई है, लेकिन यह खिलाडिय़ों की बजाय शराबियों के लिए मयखाने की माफिक दिन के उजाले में भी मुफीद साबित हो रही है। हैरत की बात तो यह है कि स्टेडियम की चारदीवारी के भीतर ही शराब की दुकान अवैध रूप से संचालित नहीं है, बल्कि आबकारी विभाग ने खुद यहां दुकान की लोकेशन बना रखी है। ऐसे में यहां खिलाड़ी आने से भी कतराते हैं। वहीं खेल संगठनों के पदाधिकारी बनकर दंभ भरने वाले भी इस मामले में खामोशी अख्तियार किए हुए हैं।

 

 

दरअसल, रोडवेज डिपो के आगे नगर परिषद की ओर से कुछ साल पहले शहीद भगतसिंह स्टेडियम बनाया गया था। इसके लिए यहां पर हाईमास्ट लाइट लगाने के साथ ही चारदीवारी भी बनाई गई। साथ ही स्टेडियम मैदान में साफ-सफाई करवाकर मिट्टी डलवाई गई। ताकि खिलाडिय़ों को यहां खेलने की सुविधा मिल सके। लेकिन शुरुआती कुछ दिनों के बाद यहां पर खिलाडिय़ों का आना बंद सा हो गया। वजह थी आबकारी विभाग की ओर से स्टेडियम मैदान के अंदर शराब की दुकान आवंटित करना।

आबकारी विभाग खुद तोड़ रहा कायदे

यूं तो आबकारी विभाग सार्वजनिक स्थानों तथा राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग से ५०० मीटर दूर शराब की दुकान लगाने का दावा करता है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। विभाग ने अपने चेहतों को फायदा पहुंचाने की नीयत से ना केवल स्टेडियम मैदान के अंदर ही दुकान आवंटित कर दी है, बल्कि इस दुकान से महज सौ फीट की दूरी पर रोडवेज डीपो का मुख्य गेट भी है। इसके अलावा जालोर-भीनमाल राज्य राजमार्ग भी इन दुकान के पिछवाड़े से गुजरता है।

 

दिनभर मयखाने सा माहौल

कायदों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दुकान से शराब खरीदकर वहां पर नहीं पी सकता, लेकिन यहां ठेकेदार ने इससे बचने के लिए नया जुगाड़ लगा दिया। हालांकि यहां शराबी दुकान के अंदर नहीं बैठते, लेकिन दुकान के बाहर इधर-उधर बैठे रहते हैं। कुछ युवाओं की शिकायत पर जब यहां पहुंचे तो स्टेडियम मैदान की खुद-ब-खुद जाहिर हो गई। कुछ युवा वहां खड़े रहकर आगामी प्रतियोगिता के मद्देनजर नगर परिषद सफाईकर्मियों से मैदान की सफाई करवा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह शराबी महफिल जमाए बैठे थे। उन्हें ना तो पुलिस का डर था और ही प्रशासन की फिक्र।

यहां नहीं आते खिलाड़ी, रोडवेज कर्मचारी भी परेशान

स्टेडियम मैदान में दिनभर शराबियों की जमघट लगे रहने से यहां पर खेलने के लिए लड़कियां तो दूर लड़के तक नहीं आते। तिस पर कई बार शराबियों में झगड़े व बहसबाजी से गाली-गलौज के हालात हो जाते हैं। ऐसे में यहां से गुजरने वाली महिलाओं को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। वहीं इससे रोडवेज बस डिपो के कर्मचारी भी परेशान है।

 

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