ऐसा क्या हो गया कि बैंक में बुलाना पड़ा पुलिस जाप्ता, जानिए वजह


आहोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


कस्बे के एसबीआई बैंक में शनिवार को दिनभर नोट बदलवाने के लिए लोगों की लम्बी कतारें लगी रही। लेकिन शाम चार बजे काउंटर बंद करने एवं लोगों को बैंक परिसर से बाहर निकालने के बाद हंगामे की स्थिति बन गई। ऐसे में पुलिस को बुलाकर हालात नियंत्रित करने पड़े। दरअसल, बैंक में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। कतार इतनी लम्बी थी कि दिनभर यहां पर यातायात जाम की स्थिति बनी रही। वहीं बैंक के आसपास व गलियों में वाहनों की बेतरतीब पार्किंग ने समस्या और ज्यादा बढ़ा दी। इधर, शाम चार बजे ही बैंक में लेन-देन बंद करने के बाद लोगों ने विरोध करने के साथ शोर मचाना शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख बैंक प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। ऐसे में पुलिस ने मौके पर पहुंच लोगों से समझाइश कर व्यवस्था संभाली। इस दौरान पुलिस ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई। इसके बावजूद लोग शाम साढ़े पांच बजे के बाद भी यहां नोट जमा होने की उम्मीद में खड़े रहे।
जब नहीं बची चलने को जगह, रास्ता करना पड़ा डायवर्ट


देशभर में 500 व 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद से बैंकों में नोट जमा करवाने एवं बदलवाने के लिए भीड़ उमड़ रही है। शनिवार को तीसरे दिन यह भीड़ बढ़ कर और ज्यादा बढ़ गई। सुबह सात बजे से ही बैंकों के लिए लोगों की कतारें लगनी शुरू हो गई। एसबीबीजे और एबीआई के अलावा नागरिक बैंक व राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंकों में लोगों की दिनभर कतारें लगी रही। हाल यह था शाम तक लोगों कतारों में लगे रहे। भीड़ के कारण लोगों को अपना नम्बर आने में ही चार से छह घंटे लग गए। वहीं शाम को बैंक में लेन-देन बंद होने के कारण कई लोगों को बिना काम करवाए ही वापस घर लौटना पड़ा।कस्बे में तो हालात इतनी गंभीर हो गए कि पुलिस प्रशासन को दखल देकर मुख्य मार्ग को भी डायवर्ट करना पड़ा।
दिनभर चला अफवाहों का बाजार
बैंकों में नोट बदलवाने की भीड़भाड़ के चलते बाजार में खुले रुपयों के अभाव में कई लोगों ने इसके लिए कमीशन वसूलना शुरू कर दिया। वहीं दिनभर में जिलेभर में अफवाहों का बाजार गर्म रहा। कस्बे में भी आयकर विभाग व सैल्स टैक्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई की अफवाह के बाद बड़े व्यापारियों के साथ ही छोटे दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद कर दी। ऐसे में कस्बे में बैंकों को छोड़कर सब जगह सन्नाटा पसरा रहा।
प्रभावित हुआ व्यापार
500 व 1000 के नोट बंद होने के बाद बाजार में व्यापार भी खासा प्रभावित हुआ है। हालांकि लोगों के पास 100 के नोट भी मौजूद है, लेकिन उन्होंने भी इन नोटों को अपना पास रखना शुरू कर दिया है। खासकर दुकानदारों ने इसकी आड़ में अवैध वसूली का खेल शुरू कर दिया है। पान की थडिय़ों पर गुटखा व सिगरेट के दामों में भी अनधिकृत रूप से खुले नहीं होने की आड़ में अवैध वसूली की जा रही है। वहीं चाय की थडिय़ों व किराणा की दुकानों पर भी 500 व 1000 के नोट स्वीकारना बंद करने के साथ ही व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।

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