सांचौर विधायक ने नर्मदा परियोजना में लगाया करोड़ों की धांधली का आरोप, मांग नहीं मानने तक रहेंगे अनशन पर…

जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


सांचौर विधायक सुखराम बिश्नोई ने नर्मदा परियोजना के तहत करवाए जा रहे कार्यों में धांधली व कमिशनखोरी का आरोप लगाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ अन्य मुद्दे उठाते हुए प्रशासन को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है। इतना ही नहीं मांगें नहीं मानने तक वे गुरुवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए।

 

 

वर्क ऑर्डर में कमिशनखोरी का आरोप

विधायक की ओर से राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में बताया है कि नर्मदा नहर परियोजना सांचौर में निर्माण कार्य में तमाम टेण्डर के लिए नर्मदा प्रशासन की ओर से भारी कमिशन लेकर वर्क ऑर्डर जारी किए जा रहे हैं। बिना कमिशन के कोई वर्क ऑर्डर जारी नहीं किए जा रहे हैं। यह कार्य चालू होने पर कार्य के अनुपातानुसार कमिशन लिया जा रहा है, जिसको बंद किया जाना चाहिए।

सर्वे में खर्च पर उठाया सवाल

ज्ञापन में बताया कि इस साल बाढ़ से नर्मदा नहर जगह-जगह टूटने के कारण मुख्य कैनाल के सर्वे के लिए 78 लाख रुपए का टेंडर किया गया है। मुख्य केनाल 74 किलोमीटर लम्बी है। इस तरह प्रत्येक किलोमीटर पर एक लाख 5 हजार रुपए खर्च होना तय है। खास बात यह है कि पूरा ही सर्वे कार्य है। ऐसे में प्रति किलोमीटर सर्वे करने में आखिरकार एक लाख पांच हजार कैसे खर्च करेंगे, इसका मुख्य अभियंता के पास भी कोई जवाब नहीं है। ज्ञापन में बताया कि उन्होंने मुख्य अभियंता से दूरभाष वार्ता की, जिसमें उन्होंने बीएसआर में प्रावधान की बात की। जो जांच योग्य विषय है। जिसकी जांच करवाई जाए तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।

 

 

बड़े पैकेज में घटिया निर्माण, फिर दोहराव क्यों

ज्ञापन में विधायक ने नर्मदा नहर की वितरिकाओं के मरम्मत कार्य बड़े पैकेज के तहत बड़े ठेकेदारों को देने पर भी आपत्ति की। उन्होंने बताया कि नर्मदा नहर की वितरिकाओं के मरम्मत के लिए 54 करोड के टेण्डर जारी किए है। जिसमें 3 से 5 करोड़ की राशि के टेण्डर नर्मदा नहर खंड 3 व 4 के जारी किए गए हैं। सर्वे छोटे टेंडर के हिसाब से किए गए है, छोटे टेंडर स्थानीय ठेकेदार ले लेंगे। उनसे मनचाही राशि वसूल नहीं कर सकते। इसलिए सर्वे को अ,ब,स,द मद को मिलाकर बड़ा पैकेज बनाकर टेंडर किए हैं। जिसमें बड़े ठेकेदार ही भाग ले सकते हैं। उसमें एक असंवैधानिकशर्त लगा दी गई है कि जिस संवेदक ने पहले 100 प्रतिशत कार्य इस तरह के पहले कर रखे हैं, वही यह टेंडर भर सकते हैं। जबकि पहले संवेदक ने 33 प्रतिशत टेंडर मुताबिक कार्य कर रखा है वो अब 100 प्रतिशत कार्य ले सकता है। ऐसा राज्य सरकार ने तय कर रखा है। जबकि नर्मदा प्रशासन ने स्थानीय संवेदकों को कार्य नहीं के लिए यह नियम लगाया है। बड़े पैकेज में बालेरा वितरिका, भीमगुड़ा वितरिका बनी जो कार्य आगे सबलेट करने से घटिया कार्य हुआ है। जाहिर है बड़े पैकेज में यही स्थिति होने वाली है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में मैसर्स सारण कंस्ट्रक्शन कम्पनी बीकानेर को सांचौर लिफ्ट भदराई लिफ्ट, रतोड़ा वितरिका, भीमगुड़ा वितरिका व मुख्य कैनाल सहित इस पांच बड़े पैकेज दिए थे जो आगे सबलेट किए गए थे। जो सभी कार्य घटिया बनाए गए हैं। ऐसे में छोटे टेंडर किए जाए तथा जो कार्य आगे सबलेट किए उनके गुणवत्ता की जांच की जाए।

जिला प्रशासन पर यह लगाया आरोप

विधायक ने आरोप लगाया कि बाढ़ आने से पिछले डेढ़ माह से गांव डभाल, डडूसन, बावरला, काछेला, बगसड़ी, हाड़ेचा, आमली, सीलू, छजारा, भड़वल, सेसावा, आदि गांवों में लोगों के घरों में पानी भरा पड़ा है। इस सम्बंध में उन्होंने स्वयं जिला कलेक्टर जालोर व उपखंड अधिकारी सांचौर को अवगत कराया, लेकिन पानी की निकासी की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसे में लोग घर छोड़कर बाहर बैठे हैं। इन स्थानों पर किसी प्रकार की दवाइयोंं का छिड़काव भी नहीं किया है। इसलिए इन स्थानों पर पानी निकासी की जाए व दवाइयोंं का छिड़काव किया जाए।

सर्वे में शिक्षक, आंकलन ग्रामसेवक व पटवारी का

विधायक ने ज्ञापन में सर्वे को लेकर भी बड़ा सवाल किया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए पटवारी, ग्रामसेवक व शिक्षक की कमेटी बना रखी है, लेकिन जहां भी गया वहां अध्यापक फॉर्म में सिर्फ नाम व पता भर रहे हैं। जबकि अन्य कॉलम खाली होते हुए भी पीडि़त पक्ष से हस्ताक्षर व अंगूठा करवाते हैं। इस सम्बंध में शिक्षकों ने बताया कि खाली कॉलम भरने की कार्यवाही पटवारी व ग्रामसेवक करेंगे। यानी कि सर्वे शिक्षक कर रहे हैं और नुकसान का आंकलन पटवारी व ग्रामसेवक कर रहे हैं। इससे सर्वे सही नहीं हो रहा है। इसके लिए पटवारी व ग्रामसेवक को मौके पर जाकर नुकसान का सर्वे करना चाहिए। उन्होंने उपखंड मुख्यालय से कई गांवों की सम्पर्क सड़क टूटने के कारण मांर्ग बंद का मुद्दा उठाते हुए इन्हें अविलम्ब शुरू करने की मांग भी की।

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