शर्मनाक : वक्त पर नहीं मिला इलाज, जन्म से पहले बेटी की गर्भ में मौत
सांचौर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
जिला मुख्यालय पर करीब दो माह पूर्व सामान्य चिकित्सालय में नवजात शिशु की बाल्टी में गिरने से मौत के मामले ने जहां चिकित्सा महकमे के जिम्मेदारों की किरकिरी करवाई थी। वहीं कर्मचारियों की लापरवाही भी खुलकर जाहिर हुई थी। लेकिन व्यवस्थाओं में पोल अब तक कायम है। यह बात उस समय पूरी तरह साबित हो गई जब सांकड़ पीएचसी में चिकित्सकों व कर्मचारियों की लापरवाही से एक बेटी की जन्म से पहले ही मौत हो गई। इस सम्बंध में प्रसूता के पति ने सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाकर जांच व कार्रवाई की मांग की है।
सरकारी चिकित्सालयमें डॉक्टर के साथ कर्मचारी भी नदारद
शिकायत में सांचौर के कुड़ा पांचला निवासी बाबूलाल सुथार ने बताया कि उसकी पत्नी श्रीमती गीतादेवी को प्रसव पीड़ा होने पर 104 एम्बुलेंस से रात साढ़े आठ बजे सांकड़ पीएचसी ले गए। लेकिन पीएचसी में चिकित्सक के अलावा कोई भी चिकित्साकर्मी मौजूद नहीं था। इस दौरान उसकी पत्नी प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। बाद में उसे एम्बुलेंस से ही सांचौर के के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन यहां पर भी चिकित्सक नहीं होने के कारण उचित इलाज नहीं मिल पाया। ऐसे में उसे रात साढ़े ग्यारह बजे सांचौर के ही निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाना पड़ा। जहां चिकित्सकों ने प्रसव समय पर नहीं होने के कारण बच्ची के गर्भ में ही मौत होने की बात कही। इस दौरान चिकित्सकों ने प्रसव करवाकर मृत बच्ची को निकाला।
पीडि़ता का पति बोला-काश वक्त पर मिलता इलाज
पीडि़ता के पति बाबूलाल ने सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत में बताया कि काश उसकी पत्नी को सांकड़ पीएचसी में वक्त पर चिकित्सा सुविधा मिल जाती तो उसकी बेटी की जन्म से पहले मौत नहीं होती। इसके लिए जिम्मेदार चिकित्सा स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने निजी अस्पताल के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की है। शिकायत में बताया कि इलाज का भुगतान करने के लिए जब उसने भामाशाह कार्ड दिया तो अस्पताल प्रशासन ने यह कहकर भुगतान होने से इनकार कर दिया कि अस्पताल में ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उसे नकद भुगतान करना पड़ा। जबकि इस अस्पताल का नाम राज्य सरकार की ओर से भामाशाह योजना के तहत जारी सूची में दर्ज है।