बिजली बिल के रुपयों से पुराने नोटों की हेराफेरी…

जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


देश में 500 व 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अकूत दौलत दबाकर बैठे धना सेठों के साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों की भी सांसें अटकी हुई हैं, लेकिन अब इन लोगों ने सरकारी तंत्र की खामियों का फायदा उठाकर पुराने नोटों को बदलना शुरू कर दिया है। जी हां, कुछ ऐसा ही मामला इन दिनों जिले में डिस्कॉम के अधीन बिल जमा केंद्रों पर सामने आ रहा है। लोगों की ओर से जमा करवाए जा रहे बिजली बिलों में मिलने वाली खुली राशि को अधिकारियों की शह पर 500 व 1000 के नोटों में बदला जा रहा है। इधर, इस सम्बंध में जब अर्थ न्यूज संवाददाता ने डिस्कॉम के अधिकारियों से बात की तो उनसे जवाब देते नहीं बन रहा है। दरअसल, नोट बंदी के साथ ही लोगों को बिजली के बिल मिले। इस दौरान कई लोगों ने जहां अपने पास जमा नोटों को काम में लगाने के लिए एडवांस में राशि जमा करवाई। वहीं कई लोगों ने हाथों-हाथ बकाया राशि का भी समाधान कर दिया। लेकिन इन सबके बीच डिस्कॉम के कई कर्मचारी-अधिकारियों के भी वारे-न्यारे हो गए।
इस तरह देते हैं अंजाम
दरअसल, बिजली बिल की राशि जमा करवाते समय उपभोक्ताओं को बिल पर 500 व 1000 के नोटों के नम्बर भी लिखने होते हैं। लेकिन 100 रुपए या इससे कम राशि के नोटों के नम्बरों का बिल पर जिक्र करना जरूरी नहीं है। इसी का फायदा इन दिनों डिस्कॉम के कर्मचारी-अधिकारी उठा रहे हैं। ये लोग 100 या कम राशि के नोटों को एकत्रित कर अपने पास जमा 500 व 1000 रुपयों से बदल रहे हैं। इसके बाद इन्हें बैंकों में जमा करवा दिया जाता है। आम तौर पर 500 व 1000 रुपए के नोटों के नम्बर लिखने का कारण नकली मुद्रा आने पर सम्बंधित उपभोक्ता की पहचान के लिए है। ऐसे में किस उपभोक्ता ने 500 या 1000 रुपए के कितने नोट दिए, इससे डिस्कॉम प्रबंधन या बैंक को भी कोई वास्ता नहीं रहता। यह कमी इन लोगों के लिए फायदे का जुगाड़ बन गई है।
जिलेभर में चल रहा है खेल
अर्थ न्यूज को सबसे पहले आहोर के डिस्कॉम कार्यालय में इस तरह की खबर मिली। इस दौरान एक डमी उपभोक्ता को बिल भरने के लिए भेजा गया, लेकिन उसे खुले होने से इनकार कर दिया। बाद में जब इस सम्बंध में जानकारी जुटाई गई तो पूरा खेल सामने आया। सूत्रों के मुताबिक बदली गई राशि में अधिकारी से लेकर कैशियर एवं कर्मचारी तक का हिस्सा होता है। बाद में जानकारी जुटाने पर यह खेल जिले के सभी डिस्कॉम कार्यालय में चलने की बात सामने आई है। गौरतलब है कि इन दिनों पुराने नोटों को बदलने के लिए भी 30 से 45 प्रतिशत कमीशन का खेल जोरों पर चल रहा है।
एसीबी करें जांच तो खुलेगा कालेधन का सच
इस मामले में अगर एसीबी की ओर से डिस्कॉम में जमा कराए गए रुपयों एवं बैंक में जमा कराई गई राशि की जांच की जाए तो कई अधिकारियों के काले धन की सच्चाई सामने आएगी। कुछ ऐसा ही मामला रोडवेज में सामने आने के बाद एसीबी की ओर से जांच की जा रही है।
तीन कर्मचारी निलंबित, 11 के खिलाफ कार्यवाही
गौरतलब है कि जयपुर के सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड में नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने की बात सामने आने के बाद डिपो के तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। वहीं कुल 11लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। फिलहाल, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से सांगानेर डिपो में हुई हेराफेरी के सम्बंध में दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Page generated in 0.659 seconds. Stats plugin by www.blog.ca