6 दिन से चल रही थी नोट बंद करने की योजना

नई दिल्ली

देश में 8 नवम्बर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने किया, लेकिन यह फैसला अचानक नहीं हुआ। इस फैसले की प्रक्रिया बीते 3 नवम्बर से शुरू हो गई थी। इस फैसले को सिर्फ 6 दिनों में इस अंजाम तक पहुंचा दिया गया। इस बारे में सिर्फ मोदी और अरुण जेटली ही जानते थे कि नोट कब बंद होंगे। गुरुवार दोपहर 1 बजे फाइनेंस मिनिस्टर जेटली ने सभी शहरों के आरबीआई चीफ के साथ मीटिंग की। उसी में यह फैसला हुआ। मीटिंग में किसी मैनेजर ने कोई प्रेजेंटेशन नहीं दिखाई।

मांगे थे सुझाव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइनेंस मिनिस्टर के साथ हुई मीटिंग में आरबीआई के सभी मैनेजरों से 20 मिनट में नोट बंद करने को लेकर सुझाव मांगे गए। कई ने एतराज जताकर कहा कि इससे लोग परेशान होंगे। तो इस पर एक सामूहिक फैसला लेकर अगले गुरुवार तक 100 रुपए की करेंसी बैंकों को डिस्ट्रीब्यूट करने से मना कर दिया गया। इसके अलावा, सभी आरबीआई चीफ को सख्त ऑर्डर दिए गए कि कहीं यह बात न की जाए। यहां तक कहा गया कि आज इस मीटिंग के बाद सभी को चेक किया जाएगा।

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