जालोर एक्सक्लूसिव : नाबालिगों तक पहुंच रही नशे की पुडिय़ा, गांव-कस्बों तक सप्लायर्स की पहुंच
अल्लाह बख्श खान @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
जालोर. सीएलजी सदस्यों की सोमवार को आयोजित जिला स्तरीय बैठक में पुलिस कप्तान ने युवाओं में पनप रही नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए इस पर अंकुश के लिए पुलिस का सहयोग करने की अपील की। अखबारों में भी यह समाचार प्रकाशित हुआ, लेकिन इससे थाना पुलिस के साथ ही जनता भी हलके में ले रही है। पुलिस कप्तान की चिंता लाजिमी है। बहरहाल, आमजन इस मामले को कोई तवज्जों ने नहीं दे रहा है, लेकिन हकीकत इतनी चौंकाने वाली है कि उनके पैरों से जमीन खिसक जाए। जी हां, वर्तमान में जिले के बड़े शहरों के साथ ही छोटे गांव-कस्बों में भी नशे की प्रवृत्ति तेजी से पनप रही है। हाल यह है कि नशा माफिया ने बेरोजगार युवाओं को सप्लायर्स चेन से जोड़ दिया है। जो चंद रुपयों के लिए नाबालिग बच्चों को भी नशे की पुडिय़ा थमा रहे हैं।
दरअसल, जिले के आहोर, सायला व जालोर उपखंड क्षेत्र में इन दिनों गांजा सप्लाई का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इसके लिए नशा माफिया ने गांव-कस्बों के बेरोजगार युवाओं को सप्लायर्स चेन से जोड़ा रखा है। इसकी एवज में उन्हें कमीशन दिया जाता है। हैरत की बात यह है कि इस खेल से जुड़े कथित लोग भूमिगत रहकर पूरा रैकेट चला रहे हैं। दौलत की चमक दमक में बेरोजगार युवाओं इस दलदल में उतर रहे हैं। वहीं वे मोटा कमीशन पाने के लिए नाबालिग बच्चों को भी गांजे की लत लगा रहे हैं। इसकी आदी होने वालों में अधिकांश 13 साल के नाबालिग से लेकर 22 साल के युवा ज्यादा है।
नशे के धंधा में कोडवर्ड का सहारा
पुलिस की निगाहों से बचने के लिए इस धंधे से जुड़े सप्लायर्स ने कोडवर्ड का सहारा ले रखा है। अव्वल तो यह लोग हर किसी को गांजे की सप्लाई नहीं करते। गांजे की पुडिय़ा सिर्फ उन लोगों को ही सप्लाई की जाती है। जो इसके आदी हो चुके हैं। इसके लिए फोन पर भी इन्होंने कोडवर्ड तैयार कर रखे हैं। हर व्यक्ति के लिए इन्होंने कोडवर्ड तैयार कर रखा है। सम्बंधित कोडवर्ड बोलने पर ही आगे बात शुरू हो पाती है। वरना सप्लायर्स समझ जाता है कि कुछ गड़बड़ है।
20 रुपए से लेकर 100 रुपए की पुडिय़ा
वर्तमान में नाबालिग बच्चों में गांजे का सेवन करने की प्रवृत्ति तेजी से पनप रही है। इसके लिए सप्लायर्स की ओर से इन्हें मनचाही जगह पर गांजे की पुडिय़ा उपलब्ध कराई जा रही है। मसलन, सिगरेट में पीने के लिए 20 रुपए और चिलम में पीने के लिए 50 व 100 रुपए में गांजे की पुडिय़ा उपलब्ध कराई जा रही है।
बर्बाद कर रही स्मैक
जिले के सांचौर, रानीवाड़ा, भीनमाल व करड़ा क्षेत्र में इन दिनों स्मैक की लत तेजी से पनप रही है। युवाओं में एक बार इसकी लत लगने के बाद आसानी से आदत छुटती नहीं है। सांचौर के समीप परावा नहर, धमाणा का गोलिया व करड़ा क्षेत्र में इस समय सबसे ज्यादा स्मैक के सप्लायर्स सक्रिय है। सूत्रों के मानें तो जोधपुर व बालोतरा होते हुए यह स्मैके जिले में पहुंच रही है। इसकी एक डोज एक हजार से लेकर तीन हजार रुपए तक बिक रही है। स्मैक का नशे करने के लिए युवा ना केवल अपराधिक वारदातों में लिप्त हो रहे हैं, बल्कि उनकी सेहत भी खराब हो रही है। पूर्व में परावा नहर पर पुलिस ने दो-तीन बार दबिश भी दी है, लेकिन इस पर असरकारक कार्रवाई अब तक नहीं हो पा रही है।
मुखबिरी कमजोर, आमजन आएं आगे
दरअसल, हकीकत तो यह है कि वर्तमान में पुलिस मुखबिरी लगातार कमजोर होती जा रही है। यही कारण है कि अब तक नशे की रैकेट के खिलाफ जिले में असरकारक कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में आमजन को भी इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। अगर जनता इसकी सूचना पुलिस तक पहुंचाए तो उनकी बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो सकता है। वहीं पुलिस को भी संदिग्ध युवाओं पर नजर रखने की जरूरत है।
पुलिस को जानकारी दे
स्मैक जैसी नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए निर्देश दे रखे हैं। ये युवाओं को बर्बाद कर रही है। अगर आमजन को इसकी जानकारी मिले तो वे पुलिस को बताए ताकि कार्रवाई की जा सके।
-कल्याणमल मीणा, पुलिस अधीक्षक, जालोर