Video : अगवरी हत्या प्रकरण : धरने में उमड़े सैकड़ों लोग, एसपी से समझौता वार्ता के बाद पीएम के लिए माने परिजन
आहोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
उपखंड क्षेत्र के अगवरी गांव के एक कृषि बेरे पर सोमवार को एक किशोर की संदिग्ध मौत के मामले में बुधवार को दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। इस दौरान आहोर सहित आसपास के गांवों से मेघवाल समाज के सैकड़ों लोग धरने में शामिल हुए। इधर, धरना प्रदर्शन में लोगों की बढ़ती भीड़ को देख कानून व्यवस्था के तहत बड़ी तादाद में पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। बाद में पुलिस अधीक्षक व प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई समझौता वार्ता में स्पेशल टीम से मामले की जांच करवाने का आश्वासन मिलने पर शाम चार बजे धरना समाप्त करने पर सहमति बनी। वहीं परिजन व मेघवाल समाज के लोग पोस्टमार्टम को भी राजी हो गए।
गौरतलब है कि हत्या प्रकरण के जांच की मांग को लेकर मंगलवार को मृतक व मेघवाल समाज के लोगों ने उपखंड कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों की ओर से समझाइश के बावजूद धरना समाप्त नहीं हो पाया। ऐसे में लोग रात को भी धरने पर रहे। बुधवार सुबह आसपास के गांवों से भी बड़ी तादाद में महिला-पुरुषों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान धरने को कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
इधर, धरने में बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया व पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस के जवान तैनात किए गए। इस बीच, दोपहर दो बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया ने धरना स्थल पर पहुंच कर समझौता वार्ता की, लेकिन वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। समाज के लोग पुलिस अधीक्षक से वार्ता करने पर अड़े रहे। ऐसे में करीब सवा तीन बजे तक पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा भी आहोर पहुंच गए। करीब चार बजे तक समझौता वार्ता चलने बाद परिजन व समाज के लोग माने। वहीं बाद शाम पांच बजे आहोर के सामुदायिक चिकित्सालय में पोस्टमार्टम शुरू हुआ।
स्पेशल टीम से जांच का आश्वासन
इस बीच, पुलिस अधीक्षक व प्रतिनिधि मंडल के बीच उपखंड कार्यालय में समझौता वार्ता शुरू हुई। जिसमें पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस को समय चाहिए होता है। जल्दबाजी में किसी मामले की जांच सही तरीके से संभव नहीं है। उन्होंने इसके लिए स्पेशल टीम गठित कर उससे मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। जिस पर प्रतिनिधि मंडल ने सात दिन बाद फिर से प्रतिनिधि मंडल को मामले की जांच की स्थिति से अवगत कराने की बात कहते हुए धरना समाप्त करने एवं पोस्टमार्टम करवाने पर सहमति दी। इस दौरान वार्ता में पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया, उपखंड अधिकारी प्रकाश अग्रवाल, तहसीलदार पंकज जैन, आहोर थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह, पूर्व प्रधान भंवरलाल मेघवाल, मोहनलाल अगवरी, पुखराज बेदाना, जीवाराम दयालपुरा, डॉ. राम मीणा, ताराराम मेहना, पुखराज अगवरी, कुपाराम सनवाड़ा, पत्रकार भंवरलाल मेघवाल, कुयाराम अगवरी, मृतक के पिता फूलाराम व मृतक के भाई खेताराम सहित मृतक की माता व अन्य परिजन मौजूद रहे।
पुलिस रही सतर्क
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप अधीक्षक डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित ने पूरी कमान संभाल रखी थी। इस दौरान पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाप्ता मंगवाने के साथ ही आहोर, नोसरा व बागरा थाना पुलिस भी तैनात रही। वहीं भीड़ को काबू में करने के लिए वज्र वाहन भी मंगवाया गया था। वहीं उपखंड कार्यालय के भीतर व बाहर रोड पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात रहे। इस दौरान आहोर थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह, रानीवाड़ा थानाधिकारी चम्पाराम मेघवाल, सीआई अमरसिंह, एसआई प्रेमाराम भी मौजूद रहे।
रिपोर्ट से हटाई एससी-एसटी की धारा
गौरतलब है कि इससे पूर्व पुलिस की ओर से दर्ज की गई रिपोर्ट में हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ी गई थी। जबकि परिजनों की ओर से दी गई रिपोर्ट अज्ञात आरोपियों की ओर से वारदात को अंजाम देने की आशंका जताई गई थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट से एससी-एसटी एक्ट की धारा हटा दी।
यह है मामला
अगवरी निवसी फूलाराम पुत्र सवाराम मेघवाल ने सोमवार को आहोर पुलिस थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि उसका परिवार छह वर्ष से वोकणावारा बेरा पर काश्त कर रहा है। यह बेरा गजेंद्रसिंह का है। वह तथा उसके परिवार के सदस्य दिन व रात में किसी भी समय बेरे पर रखवाली करने जाते हैं। 4 सितम्बर को उसका छोटा पुत्र नरपत कुमार (17) दिन में रखवाली करने बेरे पर गया था। जबकि मैं और मेरा भाई मृत्युभोज में शामिल होने खारा गांव गए थे। वहीं मेरी पत्नी व बहु रसियावास गांव में मंदिर में दर्शन करने गए थे। शाम को चार से साढ़े चार बजे के बीच मेरी पत्नी व पुत्र नारायण बेरे पर गए थे। इस दौरान वहां नीम के पेड़ पर उसके पुत्र नरपत का शव लटका मिला। इस दौरान आसपास खून बिखरा था। वहीं नरपत की शर्ट भी खून से सनी थी। इस दौरान परिवार के लोगों को सूचना देने के साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उसे संदेह है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने बेरहमी से पीटकर उसके पुत्र की हत्या कर दी। उसके सीने में भी पत्थर से वार किए गए हैं। पेड़ पर लटकती हुई लाश के घुटने जमीन पर लगे हुए हैं। ऐसे में जाहिर होता है कि उसके पुत्र की हत्या करने के बाद शव को घसीटकर पेड़ पर लटकाया गया है।
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