Video : नेहड़ में पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन, कई गांवों में कटा हुआ है सम्पर्क…

सांचौर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


अतिवृष्टि, लूनी नदी का पानी गांवों में आने एवं पांचला बांध टूटने के बाद क्षेत्र के कई गांवों में पानी भराव हो गया। इससे क्षेत्र के दर्जनों गांव टापू बन गए। वहीं इन गांवों का उपखंड मुख्यालय से सम्पर्क भी टूट गया। लेकिन बारिश का दौर थमने के बावजूद अब तक इन गांवों में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। आज भी कई गांवों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में लोगों को दैनिक कार्यों के लिए भी इस पानी से पैदल गुजरकर जाना पड़ता है।

 

चौपट हुई खेती और व्यवसाय

गांवों में पानी भरने से जहां बड़ी तादाद में खेती में खड़ी फसल चौपट हो गई। वहीं कई लोगों के व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा उपखंड मुख्यालय पर मजदूरी व छोटा-मोटा धंधा करने वाले लोगों की रोजी रोटी भी प्रभावित हो गई है। हाल यह है कि सांचौर व चितलवाना आने के लिए भी इन गांवों के लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। हालांकि बाढ़ के हालात के बाद बड़ी तादाद में प्रवासी व भामाशाहों ने मदद का हाथ बढ़ाकर इन गांवों में राहत सामग्री का वितरण किया है, लेकिन पानी का स्तर कम नहीं होने से यहां के लोगों के लिए जनजीवन अब भी सामान्य नहीं हो पाया है।

 

 

इन गांवों में अब भी भरा है पानी

क्षेत्र के लालपुरा, सायड़ा, रामपुरा, कोलियो की गढी, टेम्बी, मरटवा, सिलोसन, शिवपुरा, मेढा, भादरूणा, होथीगांव, पादरड़ी, भाटवास, पावटा, सुराचंद, भलाईया, सूंथड़ी, सांकरिया, सुजाणपुरा, खेजडय़ाली, हाजीपुर, उमरकोट व आकोडिय़ा सहित कई गांवों के चारों ओर पानी ही पानी है। ये गांव अब भी टापू बने हुए है।

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