बीकानेर में पकड़ी नकली घी की फैक्ट्री, कई जिलो से जुड़े तार, जालोर में दो गोदामों पर छापे…

जालोर/बीकानेर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


राज्य में तेजी से पनप रहे नकली घी के कारोबार से अब जालोर तक अछूता नहीं रहा है। मंगलवार को बीकानेर में नकली घी बनाने की हाईटेक फैक्ट्री पकड़ी गई। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जब पूछताछ की तो कइ्र्र जिलों में यह नकली घी सप्लाई होने की बात सामने आई। जिसमें से जालोर जिला मुख्यालय पर भी हर महीने नकली घी की बड़ी खेप सप्लाई होने की बात सामने आई। इसके साथ ही पुलिस ने जालोर के दो व्यापारियों के गोदाम पर छापामार कार्रवाई कर चिकित्सा विभाग की टीम से घी की सैम्पलिंग ली है।

 

 

यह है मामला

दरअसल, मंगलवार सुबह बीकानेर के बीछवाल थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक पिकअप गाडी को रुकवाकर तलाशी ली। जिसमें विभिन्न ब्रांड के घी के 100 टिन व अलग-अलग साइज के 40 कर्टन बरामद हुए। पुलिस को इस घी के नकली होने की आशंका हुई तो चालक से पूछताछ की। जिसमें पता चला कि हाईवे पर नाल एरिया में टोल नाके के पास बड़े पैमाने पर नकली घी बनाने कारोबार संचालित है। पुलिस ने तत्काल यहां छापामार कार्रवाई की। यहां का नजारा देख पुलिस टीम भी हैरत में पड़ गई। यहां ना केवल नकली घी बनाने की हाईटेक फैक्ट्री थी, बल्कि नकली घी की बड़ी खेप भी मिली। पुलिस ने वैभव रिपेकर नाम की इस फैक्ट्री में काम कर रहे गंगाशहर निवासी अशोक उपाध्याय, व सिटी कोतवाली के पास के निवासी दिनेश व्यास, जोधपुर में मिठडिय़ा क्षेत्र निवासी गिरधारीलाल, कोलायत क्षेत्र के गांव राणेरी निवासी नथमल, नखतेश तथा बाबूलाल को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। पुलिस के मुताबिक इस फैक्ट्री को देशनोक निवासी अशोक उपाध्याय चला रहा था। पुलिस को कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री में स्टीम प्लांट लगा मिला। वहीं यहां दो बॉयलर लगे हुए थे। सारा काम हाइटेक तरीके से होता है। इसके लिए एसेंस, डालडा घी, पाम ऑयल, कलर व अन्य सामग्री मिलाकर नकली घी बनाया जाता है। इसके अलावा फैक्ट्री से एसेंस की एक बोतल, पैकिंग मशीनें, पाम ऑयल, डालडा घी, टिन, डिब्बे, थैलियां, हॉलमार्क, कलर, पैकिंग आदि सामान भी मिला।

 

 

कई जिलों में होता है सप्लाई

पुलिस के मुताबिक यहां ज्योति, उत्सव, अनुज, गौरव, अर्पण, वैभव ब्रांड से नकली घी बनाया जाता है। आरोपियों से की गई प्रारंभिक पूछताछ में इस घी को कई जिलों में सप्लाई करने की बात सामने आई। आरोपियों की मुताबिक राज्य के श्रीगंगानगर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, जालोर, बाड़मेर, जोधपुर सहित कई जिलों में हर रोज तीन से चार हजार लीटर नकली घी सप्लाई की जाता है। इतना ही नहीं फैक्ट्री में ही घी की प्रामाणिकता के लिए हॉलमार्क भी दिया जाता था। इस दौरान पुलिस ने मौके पर सीएमएचओ और उनकी टीम को बुलाया जिन्होंने सैम्पल लिए।

 

 

 

जालोर में दो व्यापारियों के गोदामों पर छापा

नकली घी बनाने की हाईटेक फैक्ट्री पकडऩे के बाद बीकानेर पुलिस ने कई जिला पुलिस को सूचना दी। इसके बाद जालोर में भी पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस ने दो व्यापारियों के गोदामों पर छापामार कार्रवाई की गई। शहर के हितेश ट्रेडिंग कम्पनी के मालिक हितेश पुत्र जगदीश प्रजापत एवं प्रमोद टे्रडिंग कम्पनी के मालिक प्रमोद पुत्र भगवानाराम प्रजापत के गोदामों पर छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान चिकित्सा विभाग से खाद्य सुरक्षा अधिकारी व टीम को बुलाकर घी के सैम्पल लिए गए। साथ ही घी के डिब्बे कब्जे में लिए गए।

 

 

संदेह के दायरे में चिकित्सा विभाग

नकली घी का कारोबार राज्य के तकरीबन सभी जिलों में अपनी जड़े जमाए हुए हैं। जालोर जिले में गांव-गांव में डेयरी लगाकर इस काम से जुड़े लोग नकली घी के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। जालोर, आहोर, सायला, सांचौर, रानीवाड़ा, भीनमाल व बागोड़ा जैसे बड़े उपखंड मुख्यालयों के साथ ही छोटे गांवों में भी डेयरी लगाकर ये लोग महज 350 रुपए प्रति लीटर के दाम में घी बेच रहे हैं। इतना ही नहीं कई जगह दूध में भी धड़ल्ले से मिलावट की जा रही है। लेकिन चिकित्सा विभाग की टीम महज पंजीकृत डेयरियों से ही सैम्पल की कार्रवाई कर इतिश्री कर रही है। ऐसे में डेयरी के नाम पर पनप रहे नकली दूध व घी के कारोबार में चिकित्सा विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

 

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