तेज रफ्तार बाइक से करते थे लूट की वारदात, पुलिसकर्मी को भी नहीं बख्शा, आखिर चढ़ गए पुलिस के हत्थे

बांसवाड़ा @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


बांसवाड़ा पुलिस ने लूट गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने करीब एक माह पूर्व बेणेश्वर मेले के दौरान एक कांस्टेबल से लूट की वारदात को अंजाम दिया था। फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जिसमें कुछ और भी मामले खुलकर सामने आए हैं।

 

 

पुलिस के अनुसार गत 10 मार्च को खमेरा थानांतर्गत ओडवाडिया गांव निवासी देवीलाल पुत्र गौतमलाल निनामा ने पुलिस में रिपोर्ट पेशकर बताया था कि 12 फरवरी को बेणेश्वर मेले में उसकी ड्यूटी थी। शाम को करीब सात बजे बजे बांसवाड़ा एमजीएच चौराहे पर एटीएम से दस हजार रुपए निकालकर अपने घर ओडवाडिया जा रहा था। शाम को करीब साढ़े सात बजे वह पानीवाड़ा गडा मोड़ पर पहुंचा ही था कि दो लड़के मोटरसाइकिल लेकर तेज रफ्तार से पीछे से आए और ओवरटेक करके उसकी मोटरसाइकिल रुकवा दी। इस दौरान आरोपियों ने उसे चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और जेब से दस हजार रुपए, मोबाइल व पॉकेट में रखे पेन कार्ड, वोटर कार्ड, पुलिस परिचय पत्र, स्टेट बैंक का एटीएम कार्ड,मेरी पत्नी का वोटर आईडी कार्ड लूट कर फरार हो गए। हुलिए के आधार पर पता लगाया तो एक सागतलाई निवासी मनीष पुत्र जयप्रकाश तथा दूसरा पीपलवा निवासी अक्षय पुत्र कचरिया होने की जानकारी मिली। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर एवं पुलिस उप अधीक्षक विक्रमसिंह के निर्देशानुसार थानाधिकारी बाबूलाल रेगर के नेतृत्व में साइबर टीम गठित कर आरोपियों की सरगर्मी से तलाश शुरू की। इस दौरान पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उसने पुलिसकर्मी से चुराए दस हजार रुपए, मोबाइल, आईडी कार्ड जब्त किए। घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी जब्त किया।

 

पहले कर चुके महिला से लूट

पूछताछ में आरोपी मनीष ने बताया कि वह पूर्व में 15 फरवरी को भी दो बाल अपचारियों की मदद से स्कूटी पर जा रही महिला के गले में पहना सोने का मंगलसूत्र भी छीन चुके हैं। फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को आरोपियों से कई अन्य वारदातें भी खुलने की संभावना है।

ऐसे करते थे वारदात

पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी मनीष व गिरोह के सदस्य दिन में एवं शाम के समय शहर के आसपास के इलाकों में वारदात करते और फरार हो जाते थे। इसके लिए वे तेज रफ्तार वाली स्पोट्र्स बाइक का इस्तेमाल करते थे। अक्षय का बड़ा भाई विजय भी अभी लूट, नकबजनी की वारदातों में जेल में है। उसके मकान को इस गिरोह ने अपना अड्डा बना रखा था। वहां दबिश देने पर पुलिस को कई आपत्तिजनक वस्तुएं मिली हैं।

यह थे टीम में शामिल

थानाधिकारी बाबूलाल रेगर के नेतृत्व में गठित टीम में उप निरीक्षक नरेंद्र पाटीदार, सहायक उप निरीक्षक योहन कुमार, सहायक उप निरीक्षक भंवरसिंह, कांस्टेबल केशवचंद, राजेंद्र कुमार, हेमंत कुमार, रमेश चंद्र, चंद्रवीरसिंह , केसरसिंह, भगवानसिंह शामिल रहे।

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