Video : सभापति पर बिफरे संत, सुनाई खरी-खोटी, कांग्रेसी पार्षदों ने लगाए हाय-हाय के नारे
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
नगर परिषद की ओर से स्वच्छता अभियान को लेकर आयोजित बैठक एक बार फिर से हंगामे की भेंट चढ़ गई। वजह थी बैठक में आयुक्त का एक घंटा देरी से पहुंचना। हालांकि बाद में आयुक्त की ओर अपनी लेट-लतीफी के लिए माफी मांगने के बाद कांग्रेसी पार्षद बैठक में शामिल हो गए, लेकिन इस दौरान बैठक में करीब आधे घंटे तक हंगामा होने के साथ ही सभापति और आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इससे पहले चामुंडा माता मंदिर के गादीपति दुर्गापुरी महाराज व हनुमान मंदिर के संत पवनगिरी ने भी सुंदेलाव तालाब में गंदे पानी की समस्या को लेकर आड़े हाथों लेते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई।
दरअसल, नगर परिषद की ओर से स्वच्छता अभियान के तहत मंगलवार अपराह्न तीन बजे बैठक रखी गई थी। लेकिन आयुक्त कोर्ट में कोई पेशी होने के कारण बैठक में चार बजे पहुंचे। जैसे ही सभापति और आयुक्त बैठक में पहुंचे। कांग्रेसी पार्षदों ने उनके देरी से आने का कारण आक्रोश जताना शुरू कर दिया। कांग्रेस के पार्षदों ने सभापति व आयुक्त के साथ ही भाजपा के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाए। इस दौरान पार्षदों ने बैठक को स्थगित करने की मांग भी रख दी। ऐसे में खुद को घिरते देख आखिकरकार आयुक्त त्रिकमदान ने माफी मांगी। तब कहीं जाकर कांग्रेस पार्षद शांत हुए।
नगर परिषद घर की खेती नहीं
प्रतिपक्ष नेता मिश्रीमल ने आयुक्त के बैठक में देरी से पहुंचने पर आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर उन्हें कोर्ट का कोई काम था तो बैठक के लिए तीन बजे का समय नहीं देना चाहिए। यह कोई घर की खेती नहीं है कि आप अपनी मर्जी से बैठक इधर-उधर करते रहे। उन्होंने आयुक्त और सभापति को घेरते हुए कहा कि आप लोग शहर का विकास करना ही नहीं चाहते हो। इसी कारण से आज बीजेपी के पार्षद भी इधर-उधर डोल रहे हैं। अगर बैठक करनी ही नहीं थी और आप नहीं आ सकते थे तो समय रहते बैठक को स्थगित करना चाहिए था। इस दौरान पार्षद देवी मीणा ने भी आयुक्त को खूब खरी-खोटी सुनाई।
…और छीन लिया माइक
कांग्रेस पार्षदों ने आयुक्त और सभापति पर अपने भ्रष्ट कारनामों को अंजाम देने के लिए विकास कार्यों से भागने एवं बैठक नहीं करने का आरोप लगाया। लेकिन इस दौरान आयुक्त भी कोर्ट का काम होने के कारण देरी होने की बात पर अड़े रहे। ऐसे में प्रतिपक्ष नेता मिश्रीमल के साथ ही कांग्रेसी पार्षद सभापति व आयुक्त से तकरार पर उतर आए। इस बीच, सभापति ने माइक थामकर कांग्रेसी पार्षदों को विकास में अड़ंगा डालने वाले बताते हुए मीडिया में आने के लिए जानबूझ कर हंगामा करने का आरोप लगाया। गुस्साए कांग्रेसी पार्षदों ने उनसे माइक मांगा, लेकिन सभापति ने माइक नहीं दिया। ऐसे में प्रतिपक्ष नेता मिश्रीमल गहलोत व देवी मीणा ने सभापति के हाथ से माइक छीन लिया।
आखिर टूट गया संतों के सब्र का बांध
गौरतलब है कि सुंदेलाव तालाब में नालों से होते हुए गंदा पानी की बात को लेकर गत दिनों बजट बैठक में पहुंचकर चामुंडा माता मंदिर के गादीपति दुर्गापुरी महाराज ने नाराजगी जताई थी। इस पर सभापति ने जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। जिस पर पिछले कई दिनों से दुर्गापुरी महाराज कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं। लेकिन नगर परिषद प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। ऐसे में मंगलवार को वे बैठक शुरू होने के नियत समय पर हनुमान मंदिर के संत पवनगिरी के साथ नगर परिषद पहुंच गए। इस दौरान सभापति भंवरलाल माली को आड़े हाथों लेते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई। संतों ने उन पर निकम्मेपन और लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अंजाम भुगतने तक की चेतावनी तक दी डाली। इस दौरान सभापति भी तैश में आकर संतों से उलझ गए। इससे संतों का आक्रोश और भी ज्यादा बढ़ गया। संतों के गुस्से को देखकर कुछ पार्षदों ने उनसे समझाइश की और सभापति के चैम्बर से बाहर ले गए ताकि मामले को शांत कर सके। इसके बाद बैठक के दौरान भी दोनों संत मौजूद रहे।