18 फर्जी पॉलिसियां बनाकर हड़प ली जीवनभर की कमाई, गिरोह का सरगना चढ़ा पुलिस के हत्थे
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
भीनमाल पुलिस ने झांसा देकर एक ही परिवार के 18 सदस्यों की जीवन बीमा पॉलिसियां बनाकर 44 लाख 55 हजार रुपए हड़पने वाले गिरोह के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार किया। फिलहाल, पुलिस आरोपित से अन्य मामलों के खुलासे के लिए गहन पूछताछ कर रही है।
यह था मामला
पुलिस के अनुसार भीनमाल निवासी नैनाराम पुत्र पूनमाराम जीनगर के मोबाइल पर ठगी करने वाले गिरोह ने फोन किया और खुद को जीवन बीमा कम्पनी का एजेन्ट बताकर पॉलिसी करवाने को कहा। इसके लिए उसे बोनस सहित ज्यादा रकम वापस लौटाने का प्रलोभन भी दिया। जिस पर नैनाराम ने समय-समय पर आरोपितों से स्वयं व परिवार के सदस्यों के नाम पर कुल 18 पॉलिसियां करवाई। इसके लिए नैनाराम ने आरोपितों को नकद, चैक, एनईएफटी व आरटीजीएफ के जरिए कुल 44 लाख 55 हजार 249 रुपए की राशि आरोपितों के बताए बैंक खाता नम्बरों में जमा करवाए। बाद में प्रार्थी को यह सभी जीवन बीमा पॉलिसियां फर्जी होने की जानकारी मिली। जिस पर नैनाराम ने साइबर क्राइम थाना जयपुर में रिपोर्ट पेश की। जहां से रिपोर्ट जालोर पुलिस को प्राप्त हुई। यहां से भीनमाल पुलिस थाने में इस सम्बंध में धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धारा में प्रकरण दर्ज किया गया।
ऐसे हत्थे चढ़ा सरगना
मामले की जांच के दौरान भीनमाल थानाधिकारी कैलाशचन्द्र मीना ने तकनीकी सहायता से गहन जांच की। इसके बाद आरोपितों की दस्तयाबी के लिए सहायक उप निरीक्षक फगलूराम व लूणदान को दिल्ली रवाना किया। टीम को गिरोह के सरगना के बारे में कई अहम सुराग हाथ लगे। जिसमें आरोपितों की ओर से दिल्ली के नारायणा थाना अंतर्गत आंध्रा बैंक से रुपए निकालने की बात पता चली। जिस पर टीम ने बैंक के आसपास निगरानी शुरू की। इस बीच 17 दिसम्बर को बैंक में एक शख्स आया। जिस पर टीम की ओर से आरोपी को दस्तयाब कर पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपित ने अपना नाम केवलारी जिला जालोन (उत्तर प्रदेश) निवासी अवनीश कुमार पुत्र धु्रव कुमार गोस्वामी बताते हुए भीनमाल निवासी नैनाराम जीनगर से ठगी करना कबूल किया। जिस पर पुलिस उसे दस्तयाब कर भीनमाल लेकर आई।
पूरे जीवन की कमाई हड़पी
पीडि़त नैनाराम सार्वजनिक निर्माण में सहायक अभियंता था। जहां से दस साल पहले वह सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके बाद निजी कम्पनी व रेलवे में प्रतिनियुक्त पर भी नौकरी की। इस दौरान नैनाराम गिरोह के झांसे में आया और उसने एफडी तुड़वाने के साथ ही सेवानिवृत्ति के समय मिली करीब सात लाख की राशि से अपने व परिवार के सदस्यों के नाम से 18 पॉलिसियां बनवाई। इस दौरान पॉलिसियां बंद होने की बात कहकर गिरोह के लोगों ने नैनाराम को झांसा दिया। इस तरह उनकी बातों में आकर उसने कुल 44 लाख 55 हजार 249 रुपए की राशि गिरोह के बताए बैंक खातों में जमा करवाए।
ऐसे देते थे प्रलोभन
आरोपित अवनीश कुमार से पूछताछ की तो उसने बताया कि वे अधिकारी पद से सेवानिवृत्त होने वाले लोगों को नेट पर सर्च करके ढूंढते थे फिर उनसे सम्पर्क कर उनको जीवन बीमा पॉलिसी करवाने का कहकर बोनस सहित ज्यादा रकम वापस लौटाने का प्रलोभन देकर फंसाते थे। पॉलिसी करने के बाद उसे फिर से बंद कर देते थे। इसके बाद दूसरे नाम से फिर से सम्पर्क करके ज्यादा रकम हड़पते थे। आरोपित ने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर नैनाराम व परिजनों के नाम पॉलिसी कर राशि हड़पने की बात कबूल की। जिस पर उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की।