…तो ऐसे कालाधन हो रहा है सफेद, रोडवेज डिपो का मामला
अर्थन्यूज नेटवर्क
देशभर में नोटबंदी के बाद लोग कालेधर को सफेद करने के लिए कई तरह के जुगाड़ बिठा रहे है। इन जुगाड़ की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में खुले नोटों की कमी आ रही है। वहीं कुछ लोग सरकारी विभागों से कुछ कर्मचारियों को कमीशन पर अपने नोट बदलवा रहे है।
इस कड़ी में जयपुर के सिटी ट्रासंपोर्ट सर्विस लिमिटेड ने नोटबंदी के बाद कानेधन को सफेद करने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने पर डिपो के तीन कर्मचारियों को निलंबित करने सहित 11 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। जेसीटीएसएल महाप्रबंधक आकांक्षा चौधरी ने बताया कि एक महिला परिचालक की शिकायत पर विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो पर की गई जांच की गई। जिसमें यह मामला सामने आया। उन्होंने बताया कि महिला परिचालक ने शिकायत की थी कि किराए के रूप में छोटी राशि जमा कराने के बावजूद डिपो केशियर द्वारा पांच सौ और हजार रूपये जमा कराने का दवाब बनाया जाता है जबकि उसने किराए के तौर पर प्राप्त 5, 10, 20, 50 और 100 रूपए की राशि जमा कराई है। उन्होंने बताया कि इस शिकायत की विभाग और भ्रष्टाचार विभाग द्वारा जांच की गई।
जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद विद्याधर नगर के तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है तथा तीन अन्य को आरोप पत्र दिए गए है। राजस्थान रोडवेज के प्रबंधन से इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुशंसा की गई है। कर्मचारियों द्वारा नोटबंदी के बाद तीन दिनों तक किराए के रूप में छोटे नोटों में आने वाली राशि को बडे नोटों में बदलने का कार्य किया गया। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा विद्याधर नगर डिपो में चार लाख और सांगानेर नगर डिपो से आठ लाख रूपये के छोटे नोटों को बडे नोटों में बदला गया था। उन्होंने दावा किया कि नोटो की अदला बदली का यह काम 11 नवम्बर तक ही हुआ था। सांगानेर डिपो में हुई हेराफेरी के संबंध में दस्तावेजों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही है।