बाढ़ पीडि़तों की मदद को आगे आए संगठन

सांचौर. नेहड़ में लूनी नदी के पानी से बने बाढ़ के हालात के बाद आखिरकार उम्मीद की किरण जगने लगी है। बाढ़ पीडि़तों की मदद को अब विभिन्न संगठन आगे आने लगे हैं। साथ ही इन संगठनों की ओर से बाढ़ पीडि़तों को दैनिक उपभोग की सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है।
गौरतलब है कि लूनी नदी में इस बार पानी की अति आवक के बाद नेहड़ के दर्जनों गांव में पानी का भराव हो गया। जिससे बाढ़ के हालात बने हुए हैं। साथ ही इन गांवों का उपखंड मुख्यालय से सम्पर्क भी टूट गया है। यहां तक कि इन गांवों से गुजरने वाली दर्जनों बस बंद होने के बाद जनजीवन भी प्रभावित हो गया है। यहां तक कि इन गांवों में चिकित्सा व्यवस्था बिगडऩे के साथ ही भोजन तक को लोग तरसने लगे थे। बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए केयर्न एनर्जी, राशन डीलर संघ, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल बिश्नोई व कांग्रेस प्रदेश सचिव जयंतीलाल बिश्नोई सहित कई लोगों की ओर से मदद की जा रही है। शनिवार को राजस्थान वेलफेयर एसोसिएशन मुम्बई प्रवासी संघ की ओर से नेहड़ में बाढ़ पीडि़तों के हाल जानने के साथ ही राहत सामग्री का वितरण किया गया। तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि शनिवार को राजस्थान वेलफेयर एसोसिएशन मुम्बई की ओर से नेहड़ के बाढग़्रस्त पावटा, टांपी, सुराचंद में पांच सौ पैकेट राहत सामग्री वितरण की गई। प्रवासियों की ओर से नेहड़ में राहत सामग्री वितरण करने पर चितलवाना प्रधान हनुमानप्रसाद भादु ने आभार जताया। इस मौके प्रधान हनुमानप्रसाद भादु, तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी, भामाशाह अशोक सेठ भीनमाल, मदन शर्मा, राणा देवीसिंह सुराचंद, टांपी सरपंच राणाराम, रमेश जाखड़ सहित कई लोग मौजूद थे।
टूटने लगी थी उम्मीदें
गौरतलब है कि नेहड़ के करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ के हालात से यहां विकट स्थितियां पैदा हो गई थी। लोग सुरक्षा के मद्देनजर ऊपरी स्थानों पर बिना छत के खुले आसमान में आश्रय लेने को मजबूर थे। वहीं लोग अपनी जिंदगी की खैरियत के लिए दुआ कर रहे थे। लेकिन अब कई संगठनों की ओर से राहत सामग्री का वितरण करने के बाद यहां जिंदगी पटरी पर आने लगी है।

One thought on “बाढ़ पीडि़तों की मदद को आगे आए संगठन

  • 17/09/2016 at 11:06 pm
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    Thanks for all organizations.

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