पीएम मोदी के दौरे को लेकर चेती सरकार, मंत्री को भेज की समझौता वार्ता, धरना समाप्त
पृथ्वीराज गोयल @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
भीनमाल. गैर राजनैतिक संगठन राजस्थान किसान संघर्ष समिति जालोर के बैनरतले चल रहे धरने को लेकर आखिर सरकार को झुकना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दिन भीनमाल में पचास हजार किसानों की ओर से काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी ने सरकार को सतर्क कर दिया। ऐसे में धरने के बारहवें दिन रविवार को उपखण्ड अधिकारी के चैम्बर में राजस्थान सरकार के सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप व समिति के प्रतिनिधि मंडल की मौजूदगी में समझौता वार्ता हुई। जिसमें मंत्री की ओर से लिखित आश्वासन के बाद समिति ने अपना धरना समाप्त कर दिया। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने बताया कि बातचीत सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। समझौता वार्ता के बाद मंत्री व भाजपा नेताओं ने अपने हाथों से 25 अनशनकारियों को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
मुम्बई में हाथ की चोट का इलाज करा रहे विधायक पूराराम चौधरी ने रविवार सुबह ही फोन कर पत्रकारों को मंत्री डॉ. रामप्रताप के धरनास्थल पर आने की जानकारी दी थी। इसके बाद मंत्री के आने का दिनभर इंतजार रहा। शाम को करीब पौने पांच बजे डॉ. रामप्रताप, भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्रसिंह बालावत, आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, प्रधान धुखाराम पुरोहित, नगरपालिका अध्यक्ष सांवलाराम देवासी, नगरध्यक्ष भरतसिंह भोजाणी, डॉ. शैतानसिंह भूतेल, जोरावरसिंह राव, जनहित संघर्ष समिति के शेखर व्यास, इन्द्रसिंह निम्बावास सहित कई भाजपा नेता धरना स्थल पर पहुंचे। धरनार्थियों को सम्बोधित करते हुए मंत्री रामप्रताप ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है। गत तीन चार दिनों से सरकार के प्रतिनिधि लगातार किसान नेताओं के सम्पर्क में रहे हैं। शनिवार को हमने जिला कलेक्टर को भी किसान नेताओं से वार्ता करने के लिए भेजकर पूरे मामले और आपकी मांगों के बारे में जानकारी ली। मंत्री ने कहा कि किसानों की जायज मांगों को पहले ही मान ली जानी चाहिए थी। लेकिन कुछ परिस्थितियों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया जो कि आज पूरा हो जाएगा। मंत्री ने धरने में बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी को देखकर कहा कि धरने में इतनी माता-बहनों को भी तकलीफ उठानी पड़ी है, जिसका उन्हें मलाल है। संयोजक विक्रमसिंह पूनासा ने बताया कि सरकार की ओर से मंत्री डॉ. रामप्रताप ने हमें समझौते का लिखित आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि सांगी नदी के 21 किमी के क्षेत्र में अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से होने वाली तबाही की समस्या के स्थाई समाधान के लिए सम्पूर्ण नदी क्षेत्र का सर्वे तीन माह में कराया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट पर उच्च स्तरीय तकनीकी समिति बनाई जाएगी जिसमें जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद्, क्षेत्रीय विधायक, प्रधान, जल संसाधन विभाग के अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी एवं दो किसान प्रतिनिधि भी होंगे।
समिति लेगी तीन माह में निर्णय
समिति की ओर से तीन माह में निर्णय लेकर अतिवृष्टि एवं बाढ़ का सथाई समाधान सुझाया जाएगा। जिनके तहत जहां पर भी नदी ने अपना रास्ता बदला है, वहां पक्का निमार्ण कार्य व प्रत्येक दो से तीन किलोमीटर पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव लिया जाएगा। पार्षद पुखराज विश्रोई ने बताया कि चेकडैम बनने से जहां नदी में पानी की रफ्तार धीरे होगी। वहीं आसपास के कुएं, ट्युबवैल भी रिचार्ज होंगे। विश्रोई ने बताया कि हरवर्ष नदी में से झाड़ी कटिंग करने सहित इस वर्ष किसानों को बाढ़ व अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर जिला कलेक्टर के माध्यम से विस्तृत रिपोर्ट भी बनवाई जाएगी।
वार्ता में यह रहे मौजूद
सिंचाई मंत्री से वार्ता करने के लिए समिति की ओर से प्रतिनिधि मंडल में भाडू मंहत शिवगिरी महाराज, समिति के संयोजक विक्रमसिंह पूनासा, सुरेश व्यास, भलाराम चौधरी, पुखराज विश्रोई व भगवानाराम विश्रोई मौजूद रहे। वहीं प्रशासन व सरकार की ओर से जिला कलेक्टर एल.एन.सोनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीणा, पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्रसिंह बालावत, आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, नगरपालिका अध्यक्ष सांवलाराम देवासी, नगर अध्यक्ष भरतसिंह भोजाणी मौजूद रहे। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी दौलतराम चौधरी, जालोर पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित, एडवोकेट शिवनारायण विश्रोई, थानाधिकारी कैलाशचन्द्र मीणा, एसआई सहीराम पूनिया, अनिल कुमार, डूंगराराम चौधरी, पदमसिंह व पार्षद महेन्द्र जीनगर मौजूद थे।
धरने पर बड़ी संख्या में आए किसान
आज धरने में गांवों से भारी तादाद में महिलओं, किसानों और आमजन ने शिरकत की। वहीं पूनासा, वीरार, वाड़ा भाड़वी, सेवड़ी, जेरण, जुंजाणी होते हुए करीब 500 मोटरसाइकल रैली के रूप में धरनास्थल पर पहुंचे। बड़ी संख्या में महिलाएं और किसान देर शाम तक वार्ता होने तक धरनास्थल पर जमे रहे।
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