अधिकारियों की लापरवाही से बर्बाद हुआ लाखों गैलन पानी, जानिए पूरा सच…
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
जवाई में पानी की अत्यधिक आवक एवं अतिवृष्टि के बाद गत 28 जुलाई को ग्यारह गेट खोलकर 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी, लेकिन अगले दिन से गेज कंट्रोल होते ही लगातार पानी में कमी की जा रही है। सोमवार शाम चार बजे तक महज दो गेट से 2603 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार सोमवार शाम चार बजे तक गेट नम्बर 4 को एक फीट व गेट नम्बर 2 को दो फीट खुला रखा गया है। इससे 2603 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। जबकि बांध का गेज अब तक 58.50 फीट बना हुआ है। वहीं बांध में 3482 क्यूसेक पानी की आवक जारी है। गौरतलब है कि 28 जुलाई की रात में की गई पानी की निकासी के मुकाबले सोमवार को पानी की निकासी उसका तीसवां हिस्सा मात्र है।
लाखों गैलन पानी हो गया बर्बाद
वर्तमान में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस कदर हावी है कि वे पूर्व में बांध का गेज 58 फीट होने पर भी पानी की निकासी करने में कोताही बरतते रहे। हाल यह था कि बांध का गेज 59.65 फीट होने पर भी अधिकारियों ने महज 400 क्यूसेक पानी की निकासी करना उचित समझा। हालांकि बाद में जल ग्रहण क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण पानी की अत्यधिक आवक ने अधिकारियों के हाथ-पांव फूला दिए और हजारों लोगों के जान-माल को दांव पर लगाकर एक साथ 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। जबकि समय रहते अगर नियंत्रित रूप से पानी की निकासी की जाती तो नदी में लम्बे समय तक पानी का बहाव रहता और इससे सुमेरपुर उपखंड के साथ ही जालोर जिले के सैकड़ों गांवों में भूजल स्तर में बढ़ोतरी होती। लेकिन अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों से लाखों गैलन पानी एक ही रात में बहकर निकल गया।