फिर बनाया ओम बन्ना का मंदिर, विधायक शंकरसिंह व कांग्रेस नेता ऊमसिंह पर मुकदमा, दोनों पक्षों में समझौता
आहोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
कस्बे के जोधपुर चौराहा के निकट स्थित दस साल पुराना ओम बन्ना का मंदिर तोडऩे का मामला शुक्रवार रात को काफी बढ़ गया। रात को जहां एक पक्ष ने सफाई के दौरान अज्ञात लोगों की ओर से दखल देकर रुपए चुराने तथा दूसरे पक्ष ने आहोर विधायक, कांग्रेस नेता सहित दो भू व्यवसायियों के खिलाफ जेसीबी से मंदिर तुड़वाना का मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि शनिवार दोपहर तक दोनों पक्षों में समझौता हो गया एवं जमीन के दूसरी तरफ मंदिर बनाने पर सहमति हो गई। इसके बाद मामला शांत होने पर यहां से पुलिस जाप्ता भी हटा दिया गया। पूरे मामले को लेकर रात से लेकर शनिवार तक जालोर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा भी लगातार नजर बनाए हुए थे।
गौरतलब है कि शुक्रवार रात करीब पौने दस बजे जेबीसी की सहायता से ओम बन्ना का मंदिर पूरी तरह तोड़ दिया गया था। घटना की खबर फैलते ही मौके पर श्रद्धालुओं व राजपूत समाज के दर्जनों लोग मौके पर एकत्रित हो गए थे। इस दौरान विरोध जताने पर मौके से एक कार में मौजूद लोग भाग छूटे। वहीं जेसीबी को उसका चालक तेजी रफ्तार से भगा ले गया था। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मंदिर तोडऩे का विरोध कर रहे दो युवकों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया था। वहीं जेसीबी मालिक को भी गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद बढ़ गया मामला
इधर, शांतिभंग में दोनों युवकों को गिरफ्तार करने के बाद राजपूत समाज के लोगों की भीड़ भी रात के समय बढ़ गई। वहीं मामले की खबर आग की तरह पूरे जिले में फैल गई। इस बीच, रात करीब साढ़े बारह बजे ओम बन्ना मंदिर ट्रस्ट मोरूआ के ट्रस्टी कृष्णपालसिंह राखी ने आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, कांग्रेस नेता ऊमसिंह चांदराई, भू व्यवसायी अरविंद जैन व महेंद्र कोठारी की शह पर जेसीबी से मंदिर तुड़वाने का मुकदमा दर्ज करवाया। वहीं दूसरे पक्ष से परबतसिंह पदमगढ़ की ओर से भूखंड की सफाई के दौरान अज्ञात लोगों की ओर से दखलअंदाजी करने एवं जेब से रुपए चुराने का मामला दर्ज करवाया गया।
अलसुबह फिर बनाया मंदिर
रात को करीब दो बजे मामला शांत होने के बाद सुबह जैसे ही चार बजे पुलिस गश्त बंद हुई, राजपूत समाज के युवकों ने फिर से उसी जगह मंदिर स्थापित कर दिया। इस दौरान इन युवकों ने विधिवत पूजा अर्चना भी की।
कानून व्यवस्था के लिए बुलाई पुलिस फोर्स
इधर, शनिवार सुबह विवादित स्थल पर फिर से मंदिर बनने के बाद पुलिस प्रशासन भी चौकन्ना हो गया। वहीं आहोर में राजपूत समाज के लोगों को आना भी शुरू हो गया। ऐसे में कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाप्त मंगवाया गया। वहीं विवादित स्थल एवं जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए। इस दौरान आहोर थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह, जालोर कोतवाल राजेंद्रसिंह, बागरा थानाधिकारी प्रेमाराम मौके पर नजर बनाए हुए थे।
दोपहर बाद दोनों पक्षों में मंदिर बनाने पर सहमति
शनिवार सुबह से ही माहौल तनावपूर्ण होता देख दोनों पक्षों सकारात्मक पहल की। जिस पर आहोर थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह की मौजूदगी में दोनों पक्षों में इस भूखंड के दूसरी तरफ दस गुणा बीस फीट में मंदिर की विधिवत स्थापना करने पर सहमति हुई। एक साथ ही दोनों पक्षों की ओर से मुकदमे वापस लेने पर भी सहमति बनी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सोमवार सुबह दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बयान दर्ज करवाकर मामले को सुलझाया लिया जाएगा। वहीं मंदिर बनाने को लेकर दोनों पक्षों की ओर से स्टाम्प पर लिखित करार किया गया है। वहीं दोपहर को शांतिभंग में गिरफ्तार तीनों युवकों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद विवादित स्थल से पुलिस जाप्ता हटा लिया गया।