बाप-बेटे में दरार से सपा में धड़ेबाजी, अखिलेश छह साल के लिए बाहर
लखनऊ @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
समाजवादी पार्टी में लम्बे समय से चल रहा विवाद अखिलेश व रामगोपाल यादव के पार्टी के निलम्बन के साथ ही और भी ज्यादा गहरा गया है। शुक्रवार को मुलायतसिंह ने यह कहते हुए दोनों को पार्टी से छह साल के लिए निकाल किया कि दोनों ने पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री को उसके ही पिता ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। ऐसे में पार्टी में फूट खुलकर जाहिर हो गई है। वहीं अब नया मुख्यमंत्री चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी में बीते छह महीने से फूट चल रही है। यह दूसरा मौका है जब खुलकर यह बात जाहिर हो चुकी है। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर मुलायम व शिवपाल ने तीन बार में 393 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसके बाद अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की अलग से सूची जारी की। जिसमें मुलायमसिंह की ओर से तय 31 नाम हटाए गए थे। तो दूसरी तरफ रामगोपाल ने पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का ऐलान किया था। हालांकि इसके बाद मुलायम ने अखिलेश व रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन कुछ समय में दोनों को पार्टी से निकालने की घोषणा की गई।
कुछ घंटों में बंट गई पार्टी
शाम छह बजे मुलायम ने अखिलेश व रामगोपाल को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने के बारे में नोटिस देकर जवाब मांगा। लेकिन आधे घंटे बाद ही मुलामय ने शिवपाल के साथ पत्रकार वार्ता कर अखिलेश व रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए निकालने की घोषणा की। इस बीच, पौने सात बजे अखिलेश यादव ने अपने आवास पर आपातकालीन बैठक बुलाई। इस दौरान अखिलेश ने शनिवार सुबह नौ बजे पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई। वहीं शिवपाल यादव ने अधिवेशन में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकालने की बात कही। दूसरी तरफ मुलायमसिंह ने भी पार्टी विधायकों की शनिवार सुबह बैठक बुलाई है। शनिवार को मुलायम व अखिलेश की ओर से बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक में शक्ति परीक्षण होगा। मुलायम ने पहले ही नया मुख्यमंत्री चुनने के संकेत दे दिए हैं। तो दूसरी तरफ राज्यपाल की ओर से चुनावों के नजदीक होने के चलते राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। जबकि बाप-बेटे के शक्ति परीक्षण में कांग्रेस व रालोद जैसी पार्टियों ने अखिलेश को सहयोग करने के संकेत दिए हैं।