मालवाड़ा की शोना ने बनाया शौर्य स्मारक, भोपाल में आज प्रधानमंत्री करेंगे लोकार्पण, पढ़िए पूरी खबर…

गुमानसिंघ रानीवाड़ा @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


रानीवाड़ा. जालोर जिले की रानीवाड़ा तहसील का मालवाड़ा गांव एक बार फिर से सुुर्खियों में है। वैसे मालवाड़ा को शिक्षानगरी कहा जाता है। आजादी से पूर्व यहां हाईस्कूल तक तालीम का इन्तजाम रहा करता था। अबकी बार यह सुर्खियां भोपाल में बनने वाले शौर्य स्मारक को लेकर बनी है जिसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 14 अक्टूबर को उद्घाटन करने जा रहे हैं। उसकी प्लानिंग व डिजाइन मालवाड़ा के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट उत्तम सी. जैन की पुत्रवधु शोना जैन के द्वारा की गई है। मालवाड़ा सहित समूचे जिलेभर के लोगों के लिए यह गौरव व आत्मसम्मान का प्रतीक माना जा सकता है। इस आर्किटेक्ट परिवार ने राजस्थान विधानसभा, बरकतुल्लाखां स्टेडियम, छत्तीसगढ़ की नवीन राजधानी रायपुर का सिटी प्लान, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहित देश विदेश की कई प्रसिद्ध ईमारतें बनाने का गौरव हासिल किया है। जिलेभर के प्रवासी लोगों में भी उत्साह व गर्व देखा जा रहा है। सोशल साइट्स पर आज उत्तम चिमनलाल जैन परिवार की चर्चा जोरों पर देखी जा रही है।
किसकी है परिकल्पना
शौर्य स्मारक के कार्य की शुरुआत वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की परिकल्पना की बदौलत हुई थी। स्मारक को कुछ हट कर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने इस कार्य को इप्टा संस्था को कार्य सौंपा। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सभी वास्तुशिल्पों से प्रविष्टियां एवं डिजाइन मंगवाई। जिसमें मालवाड़ा निवासी और मुम्बई में व्यवसायरत शोना जैन की फर्म यूसीजे आर्किटेक्चर एंड एनवायरमेंट के प्रोजेक्ट का चयन हुआ। जिसे शोना जैन के द्वारा ही तैयार किया गया था। इस तरह का नवाचार देश में पहली बार मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा किया गया है।
क्या है शौर्य स्मारक
भोपाल की खुबसूरत अरेरा हिल्स पर कुल 41 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 12.67 एकड़ भूमि पर निर्मित इस अद्वितीय स्मारक की परिकल्पना बहुत अदभूत है। इसमें जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। स्मारक जीवंत अनुभूति प्रदान करता है। इसमें शूरवीर सैनिक की राष्ट्रसेवा से प्रेरित जीवनयात्रा का रूपायन है। जीवन, युद्ध के रंगमंच, मृत्यु तथा मृत्यु पर विजय को चार प्रांगणों की शृंखला के रूप में अलग-अलग दिखाया गया। इसके रूपांकन में जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति तथा मोक्ष-उत्सर्ग जैसे जटिल अव्यक्त अनुभवों को सरल, सहज तरीके से रूपांकित करने के लिए सुंदर तानाबाना बुना गया है। स्मारक में पृथ्वी से उभरता हुआ 62 फीट ऊंचा शौर्य स्तम्भ एक सैनिक के जीवन को दर्शाता है। स्मारक में शहीदों के सम्मान में प्रज्वलित परंपरागत अनन्त ज्योति को एक अत्याधुनिक होलोग्राफिक लौ के माध्यम से दर्शाया गया है। स्मारक में एक व्याख्या केंद्र भी है, जिसके माध्यम से आगंतुकों को स्मारक के स्वरूप को समझने में मदद मिलेगी। यह महाभारत काल से शुरू होकर आजादी के संघर्ष तक को दर्शाता है। इसमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र जैसे शौर्य सम्मानों से पुरस्कृत विजेताओं की तस्वीरें भी प्रदर्शित हैं। भारतीय सेना के हवाई जहाज, टैंक तथा पानी के जहाजों के लघु मॉडल आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बिन्दु होंगे।
कौन है आर्किटेक शोना जैन
मूल मालवाड़ा निवासी उत्तम सी़ जैन की प्रारम्भिक शिक्षा मालवाड़ा में ही सम्पन्न हुई। बाद में 1958 में खड़गपुर आईआईटी से आर्किटेक की डिग्री हासिल कर मुम्बई में व्यवसाय शुरू किया। इनके पुत्र चिराग जैन व पत्नी शोना जैन दोनों ने लन्दन से आर्किटेक में मास्टर डिग्री हासिल कर रखी है। उत्तम जैन की पुत्री भी आर्किटेक है। जो कि जालोर जिला सहित मालवाड़ा के लोगों के गर्व की बात है। यह परिवार उमाजी ओखाजी परिवार से सम्बन्ध रखता है, जिन्हें क्षेत्र में दानदाता व भामाशाह का तमगा हासिल है। कई अस्पताल व धर्मशालाएं बनाकर सामाजिक सरोकारता में अहम भूमिका निभाई है।

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