जालोर : इस रोड के हाल देखे तो रोना आ जाए, फिर भी वसूलते हैं टोल…

जालोर. रोहट-जालोर बीओटी रोड इन दिनों ऐसी दुर्दशा का शिकार है कि वाहन मालिकों को यहां से गुजरने में ही पसीने छूट जाते हैं। वजह भी साफ है वाहन मालिकों से जिस तरह यहां टोल की वसूली की जाती है, उसकी माफिक यहां सुविधाओं का टोटा है। जिले में बारिश का दौर थमे करीब एक महीना गुजर गया, लेकिन अब तक बीओटी रोड निर्माता फर्म चेतक मित्रा टोल वेयज लिमिटेड की ओर से रोड की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। ऐसे में यहां आए दिन हादसे की आशंका रहती है। बुधवार रात तो भैंसवाड़ा में क्षतिग्रस्त रोड पर एक कार अनियंत्रित होकर रपट के पास भरे पानी में जा फंसी। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से फर्म के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
दरअसल, रोहट-जालोर बीओटी रोड निर्माण के शुरुआत से ही विवाद में रहा है। बीओटी रोड का निर्धारित मापदंड के अनुरूप निर्माण किए बगैर ही यहां वाहनों पर टोल टैक्स शुरू कर दिया गया। चूंकि इस बीओटी रोड का निर्माण एक रसूखदार राजनेता की फर्म की ओर से किया गया था। ऐसे में विभाग की ओर से भी फर्म पर सख्ती बरतने के बजाय राहत दी जाती रही। टोल रोड बनने के ढाई साल में ही यह रोड इस हालत में पहुंच गई है कि यहां वाहन चालकों को टैक्स चुकाने में भी सिर्फ अफसोस होता है।

जगह-जगह गड्ढे, हादसे का डर

इस रोड पर गड्ढे होने की बात नई नहीं है। टोल शुरू होने के बाद से ही यहां आए दिन रोड के क्षतिग्रस्त होने की शिकायतें रही हंै। गोदन गांव में तो आज तक रोड दुरुस्त ही नहीं हो पाया है। वर्तमान में भैंसवाड़ा बस स्टैण्ड पर रोड जगह-जगह टूटकर बिखर गई है। यहां से रपट तक जगह-जगह रोड पर गड्ढे हो रखे हैं। वहीं रपट पर बड़े-बड़े गड्ढों के चलते अनजान दुपहिया वाहन चालकों के नीचे गिरकर चोटिल होने की हर पल आशंका रहती है। इसी तरह माधोपुरा में सड़क पर कई माह से गड्ढे हो रखे हैं, लेकिन इसकी सुध तक नहीं ली जा रही है। इसके अलावा गोदन गांव, टोल प्लाजा, सर्किट हाउस के आगे भी रोड बदहाल स्थिति में है। वहीं आहोर से लेकर रोहट तक जगह-जगह बिखरी सड़क से यहां की दुर्दशा खुद-ब- खुद ही जाहिर हो जाती है।

टूटते रहे कायदे, अनजान रहा विभाग

रोहट-जालोर बीओटी रोड निर्माता फर्म के मालिक की राजनीतिक रसूख के चलते सार्वजनिक निर्माण विभाग भी बौना साबित होता रहा। अव्वल तो इस रोड के निर्माण में जमकर अनियमितता बरती गई। तिस पर टोल वसूली के बावजूद इस की सार-संभाल तक नहीं होती। निर्माण की शर्तो के मुताबिक डामरीकृत सड़क सात मीटर चौड़ी बनाई जानी थी। हालांकि रोड का निर्माण तो निर्धारित माप में किया गया, लेकिन रोड के दोनों तरफ ढाई-ढाई मीटर की ग्रेवल पटरी के निर्माण में जमकर अनदेखी की गई। वर्तमान में इस पूरे रोड पर ग्रेवल पटरी का नामों निशान तक नहीं है। भैंसवाड़ा गांव में मोड़ पर तो आज तक ग्रेवल पटरी नजर ही नहीं आई। माधोपुरा में ग्रेवल पटरी तो दूर मुख्य मार्ग भी रेत के कारण संकरा नजर आने लगा है। गोदन गांव में तो रोड के पास गड्ढों को देख लगता ही नहीं कि यह टोल रोड है। हकीकत तो यह है कि इस पूरी रोड पर ग्रेवल रपट गुणवत्ता के लिहाज से अच्छी नहीं कही जा सकती। ढाई साल में ही यह पटरी कई जगह तो लुप्त सी हो गई है। यहां ग्रेवल बिछाने में भी अनियमितता की गई, लेकिन विभाग ने टोल शुरू करने से पहले प्रोवीजनल कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिए। जिसका खामियाजा आज तक जनता भुगत रही है।

15 साल 5 माह 25 दिन तक होगी टोल की वसूली

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक रोहट-जालोर तक 100 किलोमीटर लम्बे बीओटी रोड के निर्माण में 45.92 करोड़ की लागत आई थी। निर्माणकर्ता फर्म चेतक मित्रा टोल वेयज लिमिटेड की ओर से वाहन चालकों से 15 साल 5 माह 25 दिन तक टोल की वसूली की जानी है। इस अवधि में रोड की मरम्मत का जिम्मा भी फर्म का ही है, लेकिन हकीकत यह है कि फर्म की ओर से रोड मरम्मत पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।

आहोर-जालोर तक खानापूर्ति

रोहट-जालोर बीओटी रोड निर्माण के दौरान आहोर से जालोर के बीच महज खानापूर्ति की गई है। हालांकि रोहट से आहोर तक रोड जरूर क्षतिग्रस्त हाल में था। जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती थी। लेकिन आहोर-जालोर रोड ठीक-ठाक स्थिति में था। बावजूद यहां महज रोड को चौड़ा करके डामर से लीपा पोती की गई। यहां तक कि आहोर-जालोर के बीच ना तो पुलिया को चौड़ा किया गया और ना ही रपट को। इतना ही नहीं रोड निर्माण के दौरान इसके ढलान वाले हिस्सों को ऊपर उठाने पर भी ध्यान नहीं दिया गया। यहां कारण है कि बारिश के दौरान यहां जगह-जगह पानी का भराव होने की समस्या रहती है। जबकि आहोर से तखतगढ़ तक टोल रोड नहीं होने के बावजूद उसकी स्थिति इस रोड से अच्छी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Page generated in 0.728 seconds. Stats plugin by www.blog.ca