खेल प्रतियोगिताओं में लापरवाही का अड़ंगा
मेंगलवा. केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन कई बार ये कोशिशें दम तोड़ती नजर आती हैं।जिलेभर में इन दिनों खेलकूद प्रतियोगिताएं चल रही हैं। अलग-अलग स्कूलों के खिलाड़ी कड़ी मेहनत के बाद यहां जीतने की उम्मीद से पहुंचते हैं, लेकिन इन प्रतियोगिताओं के आयोजन के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं जो सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। जिला स्तर की ये प्रतियोगिताएं ऐसे हालातों में हो रही हैं, जैसे केवल औपचारिकताएं निभाई जा रही हो। प्राथमिक स्तर की प्रतियोगिता में सबसे पहले संकुल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता होती है। जिसमें जीतने वाली टीम ब्लॉक स्तर पर भाग लेती है। ब्लॉक स्तर जीतने वाली टीम का जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेना आवश्यक है। लेकिन सायला ब्लॉक में हो रहे जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कई ब्लॉक की टीमें ही नहीं पहुंची। जिससे खिलाड़ियों का मनोबल खेल के प्रति टूट रहा है।
नहीं होती कार्यवाही
खेलकूद प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने वाली टीम के टीम प्रभारी और प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने के कारण जमकर लापरवाही बरती जाती है। यही वजह है कि कई स्कूलों से प्रतियोगिता में टीमें ही नहीं पहुंचती।
इन ब्लॉक से नहीं पहुंची टीमें
सायला ब्लॉक के लुम्बा की ढाणी विद्यालय में हो रही प्राथमिक जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कबड्डी छात्र वर्ग सायला ब्लॉक, आहोर ब्लॉक, जसवंतपुरा ब्लॉक, सांचौर ब्लॉक की टीमें नहीं पहुंची। वहीं खो-खो में आहोर ब्लॉक की टीम नहीं पहुंची। जिम्नास्टिक छात्र वर्ग जालोर, जसवंतपुरा, सांचौर की टीम नहीं पहुंची।