जवाई नदी में बहा युवक, तीन घंटे से सुराग नहीं

सुमेरपुर. जवाई नदी में नहाने गए चार युवकों में से एक युवक मंगलवार शाम को बह गया। हालांकि पुलिस के साथ ग्रामीण तीन घंटे से युवक की खोजबीन कर रहे हैं, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। जानकारी के अनुसार बेड़ा (पाली) निवासी आमीन (२२) पुत्र हुसैन खान सिलावट मंगलवार शाम चार बजे अपने चार दोस्तों के साथ गांव में ही बहने वाली जवाई नदी में नहाने के लिए गया था। इस दौरान चारों दोस्त नहाते हुए जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र तक पहुंच गए। यहां पर फिसलने से वह गिर गया और पानी में बह गया। हड़बड़ाहट में अन्य तीन दोस्त नदी से बाहर निकल आए। इस दौरान तीनों ने अपने परिजनों को सूचना दी।
तीन घंटे से तलाश, नहीं पहुंचा प्रशासन
हादसे की खबर मिलते ही परिजनों ने बेड़ा पुलिस चौकी में सूचना दी। जिस पर पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से जवाई नदी में युवक की तलाश शुरू की। लेकिन शाम तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया। इधर, हादसे के बावजूद उपखंड प्रशासन से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
तैराकों की कमी खली
हादसे के बाद परिजनों व ग्रामीणों को दक्ष तैराकों की कमी भी खासी खली। हालांकि पुलिस के साथ परिजनों व ग्रामीणों ने खासी मशक्कत की, लेकिन युवक का सुराग नहीं मिला। जवाई बांध का जल ग्रहण क्षेत्र होने के कारण दक्ष तैराकों के बिना युवक को आसानी से ढूंढना भी संभव नहीं है।
बेड़ा गांव तक लगता है कैचमेंट
दरअसल, जवाई बांध का जल ग्रहण क्षेत्र बेड़ा गांव तक लगता है। सेई बांध का पानी बेड़ा गांव से ही होते हुए जवाई बांध में जाता है। यही कारण है कि इस नदी को भी जवाई नदी के नाम से जाना जाता है। बांध का गेज पूर्ण होने पर जल ग्रहण क्षेत्र का पानी बेड़ा गांव के पुलिया तक पहुंचता है। ऐसे में आम तौर पर पुलिया के दूसरी तरफ नहाने के लिए लोग कम ही जाते हैं।
मातम में बदली ईद की खुशी
नदी के पानी में युवक के बहने से हुसैन खान सिलावट के परिवार में मातम छा गया। वहीं ईद का पर्व होने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग मुबारकबाद देने एक-दूसरे के घर जा रहे थे। लेकिन हादसे के बाद ईद की खुशी मातम में बदल गई।

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