झोलाछाप डॉक्टर से इलाज, महिला ने गंवाई जान

सांचौर. नेहड़ सहित जिलेभर में अर्से से झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से लोगों की  जान जोखिम में डालकर इलाज कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि चिकित्सा विभाग व प्रशासन को इसकी भनक नहीं है। बल्कि कई बार मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बावजूद कार्यवाही के नाम पर ढाक के तीन पांत की स्थिति बनी हुई है। रविवार को यह बात उस समय साबित हो गई जब उपखंड क्षेत्र के पांचला गांव में झोलाछाप डॉक्टर की ओर से महिला को गलत इंजेक्शन लगाने के कारण उसकी मौत हो गई।
दरअसल, पांचला गांव में लम्बे समय से मगराबा (गुजरात) निवासी वीरभान चौधरी क्लीनिक लगाकर लोगों का इलाज कर रहा है। रविवार को पांचला ग्राम पंचायत के कुड़ा निवासी झीणी देवी (४०) पत्नी ताराराम को सामान्य बुखार होने पर इलाज के लिए इस क्लीनिक पहुंची। इस दौरान इस महिला को गलत इंजेक्शन लगाया गया। जिससे कुछ ही देर में इस महिला की मौत हो गई।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
महिला की मौत की सूचना पर ग्रामीणों ने विरोध जताकर प्रदर्शन किया। मामला बिगड़ता देख झोलाझाप डॉक्टर ग्रामीणों को चकमा देकर मौके से भाग छूटा। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी रविन्द्र कुमार वमा तथा पुलिस मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई।
चार किलोमीटर पैदल चलकर आई महिला
पांचला निवासी इस महिला को दो दिन से सामान्य बुखार था। रविवार दोपहर करीब दो बजे इलाज के लिए कुड़ा से पांचला चार किलोमीटर पैदल चलकर क्लीनिक पहुंची। इस दौरान झोलाझाप डॉक्टर ने इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाया तो कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। परिजनो ने बताया कि महिला स्वस्थ थी। उसे हलका बुखार था। वह गंभीर बीमार नहीं थी।
चार साल से चल रहा गोरखधंधा
पांचला गांव में यह झोलाछाप बीते चार साल से भोलेभाले ग्रामीणों को धोखे में रखकर क्लीनिक चला रहा है। बाजवूद चिकित्सा विभाग सालों से इस मामले में आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पांचला में करीब चार साल से क्लीनिक संचालित हो रहा है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते आए दिन लोगों की जान पर बन आती है। रविवार को भी इस महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। इधर, मौके पर अधिकारियों की टीम ने जांच की तो क्लीनिक में ऐसी कोई अधिकृत डिग्री तक नहीं लगी मिली।
विभाग की शह या अनदेखी
मामला चाहे कुछ भी हो, लेकिन इस पूरे प्रकरण में चिकित्सा विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है। नेहड़ के तकरीबन हर गांव में झोलाछाप डॉक्टरों व नीम हकीमों पर अपने क्लीनिक जमा रखे हैं। इतना ही नहीं कई तो वाहनों में ही क्लीनिक संचालित करते हैं। इसके लिए यह लोग कायदों को ताक पर रखने से भी नहीं चूकते। जाहिर है इस पूरे खेल में पुलिस व प्रशासन की भी शह रहती है। यह लोग अपनी दुकानदारी चलाने के लिए जमकर हफ्ता भी बांटते हैं। इस मामले को लेकर कई बार मीडिया में समाचार भी प्रकाशित हुए, लेकिन दबाव की स्थित होने पर कुछ दिनों के लिए चिकित्सा विभाग में हरकत में आता है और एक-दो के खिलाफ कार्यवाही करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है।

One thought on “झोलाछाप डॉक्टर से इलाज, महिला ने गंवाई जान

  • 04/09/2016 at 11:07 pm
    Permalink

    Nice khbar sir

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Page generated in 0.623 seconds. Stats plugin by www.blog.ca