जिला कलेक्टर के खिलाफ एकजुट हुए जिलेभर के कर्मचारी, अब सोमवार को रहेंगे सामूहिक अवकाश पर

जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


जिला कलेक्टर जालोर लक्ष्मीनारायण सोनी की ओर से जिला कार्यालय के सभी कार्मिकों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग एवं अनावश्यक रूप से दबाव बनाकर परेशान करने का मामला बढ़ता जा रहा है। इस मामले में पूर्व में जहां कलेक्ट्री के सभी कार्यालयों के कार्मिकों की ओर से सोमवार को सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय किया गया था। वहीं शनिवार को सभी संगठनों की ओर से आयोजित की गई सामूहिक बैठक के बाद जिलेभर के कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय किया गया है। ऐसे में मामले में समझाइश नहीं होने पर सोमवार को कई सरकारी कार्यालयों में कार्य बाधित होने की आशंका सताते लगी है।

 

 

गौरतलब है कि जिला कलेक्टर की ओर से अशोभनीय व्यवहार के खिलाफ में शुक्रवार को कर्मचारियों की ओर से स्वयं कलेक्टर को सूचनार्थ ज्ञापन दिया गया था। साथ ही शनिवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक का बहिष्कार करने एवं सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सभी कर्मचारियों की ओर से सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय किया गया था। लेकिन शनिवार को जिले के सभी संगठनों की सामूहिक बैठक में अब जिलेभर के सभी कार्मिकों की ओर से सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय किया गया है।

यह कर्मचारी रहेंगे सामूहिक अवकाश पर

सभी संगठनों की ओर से लिए निर्णय के बाद अब सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सभी कार्मिकों के साथ ही जिला परिषद कार्यालय, जिला रसद अधिकारी, उपखंड कार्यालय, विकास अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, उप पंजीयक कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, सभी भू अभिलेख निरीक्षक, सभी निजी सहायक, सभी सूचना सहायक, सभी कोष कार्यालयों के लेखाकार, सभी पटवारी, सभी ग्रामसेवक, जलदाय कार्मिक, सभी वाहन चालक, सभी सहायक कर्मचारी एवं जिले के सभी राजकीय कार्यालयों के सभी सेवाओं के कार्मिकों द्वारा विरोध प्रकट करते हुए सामूहिक रूप से कार्य का बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय किया गया है।

 

 

चिकित्सा सेवा के कार्मिक नहीं होंगे शामिल

जिला कलेक्टर की ओर से कार्मिकों के साथ अशोभनीय व्यवहार के खिलाफ सोमवार को सामूहिक अवकाश में रहने के निर्णय में चिकित्सा सेवा के कार्मिकों को शामिल नहीं किया गया है। इसका कारण राज्य सरकार की ओर से 8 सितम्बर 2017 को जारी की गई अधिसूचना है, जिसमें सरकार ने राजस्थान आवश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम 1970 (1970 का राजस्थान अधिनियम संख्या 22) की धारा 2 की उप धारा (1) के खंड (क) के उप खंड (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं , कार्यालयों एवं उनके क्रियाक्लापों से सम्बंधित सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है। इसके तहत सामूहिक अवकाश या हड़ताल नहीं की जा सकेगी। ताकि जनता को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

 

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