आजकल खबरें तेज़ी से बदलती हैं। टीवी चैनल, यूट्यूब और मोबाइल ऐप्स हर पल नई खबर दिखाते हैं। पर किस चैनल पर भरोसा करें? कैसे पता करें खबर सही है या अफवाह? यह पेज आपको सरल और काम के तरीके बताएगा ताकि आप सही खबर चुन सकें और समय बचा सकें।
पहला कदम चैनल की पहचान है। क्या चैनल के पास स्थायी रिपोर्टर और क्षेत्रीय खबरों का नेटवर्क है? बड़े चैनल जैसे राष्ट्रीय और प्रसिद्ध हिंदी अखबारों के डिजिटल शाखा अक्सर भरोसेमंद होते हैं। उदाहरण के लिए खेल की ताज़ा खबरों में हेडिंग्ले टेस्ट जैसा मैच अपडेट आप लाइव रिपोर्टिंग या प्रतिष्ठित खेल न्यूज़ से आसानी से पा सकते हैं।
दूसरा, sensational हेडलाइन से सावधान रहें। अगर हेडलाइन बहुत बड़ा दावेदार दिखे और लेख में स्रोत न हो तो उस खबर को क्रॉस-चेक करें। चैनल की रिपोर्ट में आधिकारिक बयान, तस्वीरें या वीडियो क्लिप्स हों तो उसकी विश्वसनीयता बढ़ती है।
तीसरा, क्षेत्रीय कवरेज देखें। राज्यों और शहरों की खबरों के लिए लोकल चैनल्स या लोकल संस्करण वाले बड़े चैनल बेहतर होते हैं। वहीँ, अंतरराष्ट्रीय खबरों के लिए प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से मिलान करेँ।
नियमित अलर्ट सेट करें। कई चैनल और न्यूज़ ऐप आपको विषय अनुसार नोटिफिकेशन देते हैं — राजनीति, खेल, मनोरंजन या कला। अगर आप किसी विषय जैसे देश के प्रमुख अखबारों की सूचनाएँ चाहते हैं तो उनकी वेबसाइट या ऐप सब्सक्राइब कर लें।
सोशल मीडिया पर खबरें मिलें तो स्रोत जरूर देखें। ट्विटर या फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशॉट को सीधा समाचार न मानें। आधिकारिक खाता, पत्रकार का प्रोफ़ाइल या चैनल की वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट से मिलान करें।
डिबेट और ओपिनियन प्रोग्राम को ख़बर समझकर निर्णय मत लें। उनमें अक्सर观点 और सुझाव होते हैं, न कि निष्पक्ष रिपोर्टिंग। अगर कोई बड़ा बयान जैसे प्रधानमंत्री के राजनीतिक बयान या सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी खबरें हैं तो मूल दस्तावेज़ या आधिकारिक नोटिस चेक करें।
खबरें पढ़ते और देखते समय विविध स्रोतों से जानकारी लें — टीवी, अखबार और ऑनलाइन रिपोर्ट। उदाहरण के लिए किसी अख़बार की गहराई वाले आर्टिकल से संदर्भ मिलते हैं, वहीं लाइव चैनल आपको घटनाक्रम का पल-पल का अपडेट देता है।
अंत में, खुद भी सक्रिय रहें। किसी खबर पर टिप्पणी करने से पहले दो स्रोत चेक करें। गलत जानकारी फैलने पर चैनल के सम्पादन से सवाल पूछें या सही संदर्भ शेयर करें। इससे आप सिर्फ़ सूचित नहीं होंगे बल्कि जिम्मेदार पाठक भी बनेंगे।
यह पेज 'भारतीय समाचार चैनल' टैग के तहत ऐसी खबरों और सुझावों को समेटेगा — खेल, राजनीति, स्थानीय खबरें और पब्लिशिंग से जुड़ी जानकारी। चैनल चुनना और खबरें परखना सीखने से आप हर खबर में असली मायने पहचान पाएँगे।
अरे यार, भारतीय समाचार चैनलों को देखकर तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ये चैनल तो बदले हुए मौसम की तरह होते हैं, अगला क्या होगा कोई नहीं बता सकता। कभी तो लगता है ये चैनल खुद को 'ब्रेकिंग न्यूज़' की दुकान समझते हैं, हर पल नई खबर देने की होड़ लगी रहती है। वो भी बिना तथ्यों की जांच किए। और ये चैनल तो खेल के मैदान को भी अक्सर रणभूमि समझ बैठते हैं, क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन तक सब कुछ होता है 'जीवन संग्राम'। हाँ भाई, ये सब देखकर तो लगता है की हमारे भारतीय समाचार चैनल काफी बेकार चल रहे हैं।
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