ऐसा गांव जहां एक भी पक्का मकान नहीं, जानिए क्यों है ऐसा…

जी हॉ! एक ऐसा गांव जहां लोग आर्थिक रूप से सम्पन्न लेकिन एक भी मकान पक्का नहीं है। यह बात एकदम सच है। राजस्थान के अजमेर जिले के देवमाली गांव की कहानी सुनकर आज दंग रह जाएंगे। अजमेर जिले के इस गांव की कहानी बहुत दिलचस्प है। आर्थिक रूप से पूरी तरह संपन्न होने के बावजूद यहां के लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, राजस्थान के इस गांव में आज भी मिट्टी के चूल्हे का ही इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि इसके पीछे गांव वालों की एक मान्यता है। यह बात सुनकर तो आप और भी हैरान हो जाएंगे कि यहां के लोग शादी में दूल्हे को घोड़े पर नहीं बिठाते। आइए आपको बताते हैं दूल्हे के घोड़ी पर ना बैठने कि वजह….
बताया जाता है कि राजस्थान के देवमाली गांव में शादी के दौरान दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बिठाया जाता। इसके पीछे का कारण गांव वाले यह बताते हैं कि इससे शादी के बाद हादसे हो जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि गांव वालों का तो यह भी मानना है कि पक्के घर बनाते ही गांव में कोई आपदा आ जाती है। आपको बता दें कि इस गांव के लोगों का कहना है कि वह सब एक ही पूर्वज के संताने हैं। उनका मानना है कि उनके पूर्वजों ने ही देवमाली गांव को बसाया था।
कई लोगों ने इस गांव में पक्के मकान बनाने की कई बार कोशिश भी की, लेकिन कुछ ही दिनों में पूरा मकान ढह गया। देवमाली में रहने वाले लोगों के लिए यह एक मान्यता है। जबकि, आस-पास के गांव के लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं। इस गांव की एक और खासियत है। यहां पर रहने वाला हर व्यक्ति शाकाहारी है। 80 परिवारों के इस गांव में कोई मदिरा का सेवन भी नहीं करता। यहां श्री देवनारायण भगवान का एक मंदिर भी है, देवमाली के लोग इन्हें विष्णु का अवतार मानते हैं। गौरतलब है, कि इस गांव की पूरी जमीन भी भगवान देवनारायण के नाम पर है। किसी ग्रामीण के नाम पर यहां एक इंच भी जमीन नहीं है। यहां तक कि इस गांव के किसी भी घर में ताला नहीं लगाया जाता। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 50 सालों में देवमाली गांव से चोरी का एक भी मामला नहीं आया है। यहां तक कि गांव में रहने वालों लोगों के बीच किसी भी तरह के विवाद का मामला दर्ज नहीं है।