Video : किशोर की हत्या का मामला गर्माया, मेघवाल समाज ने नहीं होने दिया पोस्टर्माटम, धरना जारी…

आहोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


उपखंड क्षेत्र के अगवरी गांव के एक कृषि बेरे पर सोमवार को एक किशोर की संदिग्ध मौत का मामला गर्माया गया है। हालांकि पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या व अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन परिजन व समाज के लोग आरोपियों की गिरफ्तार नहीं होने से पोस्टमार्टम नहीं करवाने की मांग पर अड़ गए हैं।

पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही आहोर विधायक ने भी मौके पर पहुंच परिजनों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। ऐसे में मंगलवार शाम तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।

 

 

आहोर सहित आसपास के गांवों से मेघवाल समाज के लोग एवं अगवरी गांव के मृतक नरपत मेघवाल के परिजन मंगलवार सुबह करीब दस बजे से ही उपखंड कार्यालय के सामने पहुंचना शुरू हो गए। इस दौरान इन लोगों ने पटवारी भवन के आगे धरना शुरू कर दिया। परिजन व समाज के लोग नरपत की संदिग्ध की मौत को हत्या बताते हुए आरोपियेां की गिरफ्तारी नहीं होने तक पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर अड़ गए। इस दौरान आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया, पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित, उपखंड अधिकारी प्रकाश अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए समझाइश करनी चाही, लेकिन धरनार्थी नहीं माने। ऐसे में शाम तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। इस दौरान आहोर के पूर्व प्रधान भंवरलाल मेघवाल, पुखराज बेदाना, पत्रकार भंवर मेघवाल, भगवानाराम मेघवाल, प्रकाश मेघवाल सहित सैकड़ों की तादाद में मेघवाल समाज के लोग मौजूद रहे।

आत्महत्या का रूप देने का प्रयास

मौके से घटना की फोटोग्राफी के दौरान मृतक के घुटने जमीन से लगे हुए हैं। जबकि समीप ही खाट उलटा पड़ा हुआ है। वहीं उसके सीने पर भी गंभीर चोट के कारण खून के दाग लगे हुए हैं। ऐसे में प्रथम दृष्टया नरपत की हत्या करके शव पेड़ पर लटकाने की बात सामने आ रही है।

 

 

एससी-एसटी की धारा क्यों

इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी जाहिर होती है। हालांकि परिजनों की ओर से दी गई रिपोर्ट में अज्ञात व्यक्ति की ओर से नरपत की हत्या करने की आशंका जताई गई है, जबकि पुलिस ने रिपोर्ट में हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ी है। अगर हत्या का आरोपी एससी-एसटी से ही निकलता है तो फिर इस धारा क्या औचित्य है। जबकि खुद परिजनों को भी नहीं पता है कि नरपत की हत्या किसने की है।

भाजपा नेता से तकरार

धरने के दौरान भाजपा नेता गेनाराम मेघवाल भी धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने परिजनों व मेघवाल समाज के लोगों को पोस्टमार्टम करवाने की बात कही। साथ ही आश्वासन दिया कि पुलिस अपने स्तर पर जांच करती रहेगी। इस दौरान मेघवाल समाज के कुछ लोग बिफर गए। उन्होंने गेनाराम मेघवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे पुलिस के तरफ से पैरवी करने आए हैं या फिर समाज के साथ है। ऐसे में गेनाराम ने कहा कि वे समाज के साथ ही। इस पर कुछ युवकों ने उनके धरने में बैठने की नसीहत दे डाली। इस दौरान गेनाराम खुद धरने में बैठ गए।

 

 

यह है मामला

अगवरी निवसी फूलाराम पुत्र सवाराम मेघवाल ने सोमवार को आहोर पुलिस थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि उसका परिवार छह वर्ष से वोकणावारा बेरा पर काश्त कर रहा है। यह बेरा गजेंद्रसिंह का है। वह तथा उसके परिवार के सदस्य दिन व रात में किसी भी समय बेरे पर रखवाली करने जाते हैं। ४ सितम्बर को उसका छोटा पुत्र नरपत कुमार (१७) दिन में रखवाली करने बेरे पर गया था। जबकि मैं और मेरा भाई मृत्युभोज में शामिल होने खारा गांव गए थे। वहीं मेरी पत्नी व बहु रसियावास गांव में मंदिर में दर्शन करने गए थे। शाम को चार से साढ़े चार बजे के बीच मेरी पत्नी व पुत्र नारायण बेरे पर गए थे। इस दौरान वहां नीम के पेड़ पर उसके पुत्र नरपत का शव लटका मिला। इस दौरान आसपास खून बिखरा था। वहीं नरपत की शर्ट भी खून से सनी थी। इस दौरान परिवार के लोगों को सूचना देने के साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उसे संदेह है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने बेरहमी से पीटकर उसके पुत्र की हत्या कर दी। उसके सीने में भी पत्थर से वार किए गए हैं। पेड़ पर लटकती हुई लाश के घुटने जमीन पर लगे हुए हैं। ऐसे में जाहिर होता है कि उसके पुत्र की हत्या करने के बाद शव को घसीटकर पेड़ पर लटकाया गया है। जिस पर पुलिस ने हत्या व अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

 

 

 

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