सांसद देवजी की हेट्रिक बनना मुश्किल, इस बार एक शख्स पड़ेगा देवजी पर भारी, दमदार है उसकी दावेदारी
अर्थ न्यूज नेटवर्क. पॉलिटिकल डेस्क
दो बार लगातार जालोर-सिरोही के सांसद रहे देवजी पटेल के लिए हेट्रिक लगाना यानि तीसरी बार सांसद बनना इस बार इतना आसान नहीं होगा। इस बार देवजी पर एक शख्स की दावेदारी भारी पड़ रही है। इस शख्स को तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी देवजी की जगह टिकट फाइनल हो गया था, लेकिन एनमौके पर देवजी को दोबारा टिकट मिल गया। परंतु इस बार देवजी का टिकट बेहद मुश्किल माना जा रहा है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार देवजी को लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। जिनकी मानें तो इस बार देवजी पटेल को सांसद का टिकट मिलना मुश्किल है।
आइए, जानते हैं कौन हो सकता है अगला सांसद
हम बात कर रहे हैं आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन तथा जालोर-सिरोही विकास मंच अध्यक्ष मुकेश मोदी की। पिछले करीब 10 साल से जालोर-सिरोही के विकास को लेकर सामाजिक कार्य करने वाले मोदी का इस बार देवजी पटेल से पलड़ा भारी है। हाईकमान तक ने इस बाद मोदी के नाम पर मुहर लगाने की तैयारी कर दी है। दो बार सांसद रहने के बाद देवजी के लिए तीसरी बार टिकट लाना मुश्किल माना जा रहा है।
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में भी मोदी का टिकट हो गया था फाइनल
गत लोकसभा चुनाव में भी मुकेश मोदी का टिकट फाइनल हो गया था। हाईकमान ने प्रचार-प्रसार करने के निर्देश तक दे दिए थे, लेकिन एनमौके पर देवजी पटेल को दोबारा टिकट देने की राजनीति शुरु हुई और देवजी का टिकट फाइनल हुआ। वरना वर्ष 2014 में ही मुकेश मोदी को टिकट मिल जाता। ऐसे में इस बार आगामी वर्ष 2019 में मुकेश मोदी का टिकट लगभग तय माना जा रहा है।
सांचौर में सीमित रह गए देवजी, जनता खफा
जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने अपने 9 साल के कार्यकाल में अधिकांश समय सांचौर में ही दिया है। इतना ही नहीं विकास कार्य भी उन्होंने सांचौर में अधिक किया है। सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि देवजी पटेल अपने 8 साल के कार्यकाल में जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से महज एक बार रूबरू हुए हैं। इसके अलावा कई गांव और क्षेत्र तो ऐसे होंगे जहां सांसद ने आज तक कभी ना तो गए और ना ही वहां एक रूपए का भी विकास कराया।
क्या कारण है कि देवजी को नहीं मिल पाएगा टिकट
देवजी को आगामी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं।
– पहला कारण यह कि देवजी दो बार सांसद रह चुके हैं और उनका दो बार का कार्यकाल इतना बढिय़ा नहीं गया कि उन्हें तीसरी बार भी टिकट दिया जाए। – दूसरा कारण यह कि देवजी ने अपना ज्यादातर समय केवल सांचौर में ही बिताया है, ऐसे जालोर जिला मुख्यालय, आहोर, सायला तथा सिरोही, आबूरोड, रेवदर तरफ की जनता उनके काफी खफा है।
– तीसरा कारण यह कि देवजी इस बार सांचौर विधायक का चुनाव लडऩे के मुड़ में नजर आ रहे हैं। हो सकता है कि वे सांचौर विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़े।
– चौथा कारण यह कि देवजी ने दो बार सांसद रहने के बावजूद जालोर सिरोही के लिए कोई ऐसा बेहत्तर कार्य नहीं किया कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट लाकर जनता के बीच जा सके।
– पांचवा कारण यह कि देवजी पटेल स्वयं को भी यह ध्यान है कि उन्हें इस बार जनता वोट नहीं देगी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी की लहर के कारण वे जीत गए, लेकिन इस बार ना तो नरेंद्र मोदी की लहर है और ना ही देवजी पटेल ने ऐसे कोई विकास कार्य करवाए हैं।
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मुझे भी कहीं ना कहीं यह लग रहा है कि जब तक आप जातिवाद की राजनीति करोगे तो आपके साथ ऐसा ही होगा नेता लोगों का एक मकसद होना चाहिए वह अपने जिले अथवा ग्रामीणों का विकास नहीं कर पाते जालौर जिले के चारों तरफ गांव वाले किसान लोग बहुत परेशान हैं हमारे यहां नर्मदा नहर तो आ रही है लेकिन पानी नहीं आ रहा है वसुंधरा राजे सरकार भी अब की बार फेल मानी जा रही है क्योंकि किसानों के लिए आज तक कोई ऐसा नेता नहीं आया जो किसानों का हक के लिए लड़े मुझे लग रहा है कि BJP कांग्रेस को छोड़कर एक और नई पार्टी आ जाए तो बेहतर रहेगा क्योंकि यहां पर विकास की बहुत जरूरत है जालौर जिला बहुत पीछे हैं हमारे गांव की सड़कें देखकर हमें शर्म आती हैं कि आखिरकार गांव और शहरों की सड़कें इतनी टूटी हुई हैं कि समझ में नहीं आता नए-नए एक्सीडेंट होते रहते हैं
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