भारतीय समाचार — जुलाई 2023 आर्काइव

यह आर्काइव पेज जुलाई 2023 में प्रकाशित प्रमुख लेखों का सार देता है। महीने में हमने टीवी समाचार चैनलों की कमजोरी पर तीखी टिप्पणी की, कुछ बेहतरीन अखबारों की सूची दी, पीएम मोदी के एकता के संदेश पर विचार साझा किए और किसी लेख को प्रकाशित करवाने के व्यावहारिक कदम बताए। आगे पढ़िए—संक्षेप और काम की सलाह मिलेंगी।

इस महीने की मुख्य कहानियाँ

टेलीविजन समाचार चैनलों पर लेख ने सीधे सवाल उठाए: क्या ये चैनल सच में खबर दे रहे हैं या सिर्फ शोर मचा रहे हैं? लेख में सनसनीखेज हेडलाइंस, बिना तथ्य जांच के 'ब्रेकिंग' दिखाने की आदत और खेल जैसी घटनाओं को युद्ध का रूप दे देना बताया गया। इसका मतलब यह नहीं कि सभी चैनल बेकार हैं, पर अंदाज़ और जिम्मेदारी दोनों पर सवाल जरूर उठते हैं।

दूसरा लेख पढ़ने वालों के लिए सिफारिशी रहा—कौन से अखबार भरोसेमंद हैं और क्यों। उदाहरण दिए गए: दैनिक जागरण, हिंदुस्तान टाइम्स, द टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदी मिलाप जैसी रिपोर्टिंग की लगातार गुणवत्ता, विविधता और पठनीयता के कारण उठाई गई। छोटे-छोटे पहलू बताए गए जैसे संपादन, स्थानीय कवरेज और नियमितता जो किसी भी अखबार को अच्छा बनाते हैं।

प्रधानमंत्री पर लिखा गया एक कॉलम एकता के मंत्र की बात करता है। लेख का तर्क सरल है: अगर नेता लगातार एकता का संदेश दें और उसे व्यवहार में बदलने के लिए छोटे कदम उठाएँ तो असर पड़ता है। यह लेख विचार उत्तेजक था—वो न केवल तारीफ करता है बल्कि सवाल भी पूछता कि एकता के लिए असली कदम क्या हैं।

पढ़ने वालों और लेखकों के लिए सीधे सुझाव

अगर आप किसी लेख को प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो लेख में दिए गए कदम तुरंत उपयोगी हैं। सबसे पहले अपनी रचना को स्पष्ट बनाइए—बिना संयम के लंबी बातें अक्सर न पकड़ें। फिर सही प्रकाशन चुनिए जो आपके विषय से मेल खाता हो। संपादक को एक छोटा पिच भेजिए जिसमें शीर्षक, सार और क्यों यह उनके पाठकों के लिए जरूरी है, साफ लिखा हो। धैर्य रखिए—प्रक्रिया में समय लगता है। और प्रकाशित होने के बाद खुद प्रचार की जिम्मेदारी लीजिए: सोशल मीडिया, ईमेल और संबंधित मंचों पर साझा करें।

कहने का मकसद सीधा है: जुलाई 2023 के लेख आपको सोचने और काम करने के लिए दोनों दे रहे हैं। मीडिया की आलोचना पढ़कर आप सावधानी बरतेंगे, अच्छे अखबारों की पहचान करने से आपकी जानकारी बेहतर होगी, और लेख प्रकाशित करने की जानकारी आपके लिए व्यावहारिक कदम बताएगी। अगर आप इन लेखों में से किसी विषय पर गहराई से पढ़ना चाहते हैं तो वेबसाइट पर संबंधित पोस्ट खोलकर विस्तृत पढ़ सकते हैं।

इस महीने की पोस्ट्स ने सवाल उठाए, नाम सुझाए और रास्ते दिखाए—बस पढ़ें और सक्रिय रहें।

31जुल॰

भारतीय समाचार चैनल पूरी तरह से बेकार क्यों हैं?

के द्वारा प्रकाशित किया गया मयंक वर्मा इंच समाचार और मीडिया समीक्षा
भारतीय समाचार चैनल पूरी तरह से बेकार क्यों हैं?

अरे यार, भारतीय समाचार चैनलों को देखकर तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ये चैनल तो बदले हुए मौसम की तरह होते हैं, अगला क्या होगा कोई नहीं बता सकता। कभी तो लगता है ये चैनल खुद को 'ब्रेकिंग न्यूज़' की दुकान समझते हैं, हर पल नई खबर देने की होड़ लगी रहती है। वो भी बिना तथ्यों की जांच किए। और ये चैनल तो खेल के मैदान को भी अक्सर रणभूमि समझ बैठते हैं, क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन तक सब कुछ होता है 'जीवन संग्राम'। हाँ भाई, ये सब देखकर तो लगता है की हमारे भारतीय समाचार चैनल काफी बेकार चल रहे हैं।

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28जुल॰

भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ समाचारपत्र कौन से हैं और क्यों?

के द्वारा प्रकाशित किया गया मयंक वर्मा इंच समाचार और मीडिया
भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ समाचारपत्र कौन से हैं और क्यों?

आओ भारत के कुछ शानदार अखबारों की बात करें! तो पहले नाम आता है "दैनिक जागरण" जो हमें नवीनतम खबरों से अच्छी तरह से अवगत कराता है - रोजाना उसकी कापी मेरे नास्ते का साथी होती है। दूसरा नाम है "हिन्दुस्तान टाइम्स" जो उच्चतम गुणवत्ता की खबरों को देता है, और मेरे लिए तो यह एक रोजमर्रा की चाय के साथ पढ़ने वाली एक उत्कृष्ट पुस्तिका है। "द टाइम्स ऑफ इंडिया" और "हिन्दी मिलाप" भी अपनी विविधता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध हैं। तो चलो, अगली बार अपने चाय के साथ इन अखबारों को भी जोड़ें और खबरों के साथ-साथ कुछ मजेदार भी पढ़ें।

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23जुल॰

पीएम मोदी: एकता का मंत्र लेकर, राष्ट्र आगे बढ़ेगा?

के द्वारा प्रकाशित किया गया मयंक वर्मा इंच राजनीति और समाचार
पीएम मोदी: एकता का मंत्र लेकर, राष्ट्र आगे बढ़ेगा?

मेरे अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा राष्ट्रीय एकता को महत्व दिया है। उनका मानना है कि एकता और अखंडता ही एक देश को सच्ची प्रगति की ओर ले जा सकती है। हम सब को उनके इस विचार को अपनाना चाहिए। उनके इस मंत्र से ही हमारा देश आगे बढ़ सकता है। जिस देश में एकता होती है, वह देश ही विश्व में अपनी पहचान बना पाता है।

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17जुल॰

भारतीय समय में किसी लेख को प्रकाशित कराने के लिए एक व्यक्ति कैसे कर सकता है?

के द्वारा प्रकाशित किया गया मयंक वर्मा इंच लेख प्रकाशन गाइड
भारतीय समय में किसी लेख को प्रकाशित कराने के लिए एक व्यक्ति कैसे कर सकता है?

लेख प्रकाशित कराने के लिए, व्यक्ति को पहले अपनी रचना को संपादित और समीक्षा करना चाहिए। फिर, उन्हें सही प्रकाशन का चयन करना होगा जो उनके विषय के अनुरूप हो और उन्हें अपने लेख को उस प्रकाशन के लिए प्रस्तुत करना होगा। इसमें प्रकाशकों से संपर्क करना, उन्हें अपने लेख का संक्षेप भेजना और कभी-कभी उन्हें अपने लेख की प्रति भेजना शामिल हो सकता है। प्रकाशन की प्रक्रिया समय लेने वाली हो सकती है और धैर्य रखना महत्वपूर्ण होता है। प्रकाशन के बाद, लेखकों को अपने लेख का प्रचार और वितरण करने में सक्रिय होना चाहिए।

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