रात को उफान पर रही जवाई नदी, सुबह तक आधा हुआ पानी
जालोर. जवाई बांध से एक गेट को तीन फीट तक खोलकर पानी की मात्रा बढ़ाने के बाद रात को नदी उफान पर रही, लेकिन गेज कंट्रोल होने के बाद रात तीन बजे पानी की मात्रा वापस घटा दी गई। फिलहाल, गेट नम्बर दो को तीन फीट से घटाकर वापस डेढ़ फीट किया गया है। जिससे 1457 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद बुधवार शाम साढ़े आठ बजे गेट नम्बर दो को एक फीट से बढ़ाकर तीन फीट किया गया था। इससे 2841 क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। रात को तीन बजे तक गेट को तीन फीट रखा गया। इधर, पानी की मात्रा बढऩे से जवाई नदी उफान पर रही। वहीं डायवर्सन में पानी बढऩे से भैंसवाड़ा रपट पर रात को छोटे वाहनों का आवागमन बंद रहा। लेकिन जवाई बांध से रात तीन बजे गेट डेढ़ फीट कर पानी की मात्रा आधी करने से गुरुवार सुबह तक नदी में पानी उतर गया। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बांध में फिलहाल 61.15 फीट गेज के साथ 7300 एमसीएफटी जल उपलब्धता है।
टोल कम्पनी की लापरवाही, भुगत रहे लोग
बारिश के बाद जालोर-आहोर बीओटी रोड जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं सबसे ज्यादा समस्या रपट पर आ रही है। बीओटी रोड निर्माता चेतक मित्र टोल वेयज कम्पनी की ओर से रोड निर्माण के दौरान ना तो गहराई वाली जगह रोड को ऊपर उठाया गया और ना ही रपट की सुचारू रूप से मरम्मत की गई। यही वजह है कि इस रोड पर जगह-जगह पानी का जमाव होने से बिखर रही है। सबसे ज्यादा समस्या भैंसवाड़ा रपट पर है। यहां बस स्टैण्ड से रपट तक तकरीबन तीन सौ फीट की रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रखी है। तिस पर कम्पनी ने रपट पर गड्ढे होने के बाद यहां कंक्रीट डालकर इतिश्री कर ली। इससे हर रोज यहां दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कुछ दिन पहले एक कार यहां पलट कर रोड के समीप गड्ढे में डूब गई थी। बावजूद ना तो कम्पनी की ओर से रोड की मरम्मत कराई जा रही है और ना ही सार्वजनिक विभाग की ओर से कम्पनी को इसके लिए पाबंद किया जा रहा है। गुरुवार सुबह पानी उतरने के बावजूद वाहन चालकों को यहां से गुजरने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में अधिकांश वाहन अब रपट के पास बने कच्चे रास्ते से होकर एक किलोमीटर की दूर तय कर वापस भैंसवाड़ा बस स्टैण्ड तक पहुंच रहे हैं।
पंद्रह दिन और चल सकती है नदी
फिलहाल नहरों में पानी देने की रणनीति बन रही है। इसके लिए कमेटी की बैठक भी हो चुकी है। दो दिन बाद फिर से बैठक कर नहरों में पानी देने का समय तय किया जाएगा। लेकिन सूत्रों की मानें तो नहरों में पानी देने में अभी और समय लग सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह बारिश के कारण कई खेतों में पानी भरा पड़ा है। वहीं जमीन पर अब तक नमी बरकरार है। ऐसे में बुवाई बिना पानी के भी संभव है। लिहाजा, कम से कम दो सप्ताह बाद नहरों में पानी देना संभव होगा। इससे संभावना जताई जा रही है कि नदी में अभी पंद्रह दिन तक और पानी चलेगा।