Video : नदी में बहे बालक का तीस घंटे बाद भी सुराग नहीं

सांचौर. जिले के नेहड़ क्षेत्र में स्थित खेजडिय़ाली गांव के समीप सोमवार शाम लूणी नदी में बहे सात वर्षीय मासूम को तैराक दूसरे दिन भी ढूंढते रहे, लेकिन मंगलवार शाम दस बजे तक तीस घंटे गुजरने के बावजूद मासूम का कोई सुराग नहीं लग पाया।
गौरतलब है कि सोमवार शाम चार बजे खेजडिय़ाली निवासी प्रकाश (७) पुत्र शंकरलाल रेबारियों की ढाणी जाने वाले मार्ग पर बनी रपट को पार कर रहा था। इस दौरान वह रपट पर तेजी से चल रहे पानी में बह गया। घटना के बाद कुछ बच्चों व ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी। इसके बाद सोमवार को देर शाम तक गांव के तैराक बच्चे को ढूंढने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन देर शाम तक कोई पता नहीं चला। ऐसे में मंगलवार सुबह आठ बजे से ही एसडीआरएफ की टीम के साथ गांव के तैराक ने बच्चे को ढूंढने शुरू किया, लेकिन रात दस बजे तक भी कोई सुराग नहीं लग पाया।
दिनभर चलती रही कोशिश
सात वर्षीय प्रकाश को ढूंढने के लिए सुबह करीब आठ बजे ही एसडीआरएफ की टीम नाव लेकर पहुंची। इस दौरान टीम के करीब दस-बारह तैराक दिनभर लूनी नदी में बच्चे को ढूंढते रहे। इस तरह गांव के करीब चालीस-पचास तैराक भी पानी में बच्चे को ढूंढने की कोशिश करते रहे। लेकिन शाम तक भी हताशा ही हाथ लगी।
नेहड़ के पंद्रह गांवों का टूटा सम्पर्क
गौरतलब है कि इस बार बारिश के कारण लूनी नदी में आए अत्यधिक पानी के कारण नेहड़ के कई गांवों में पानी जमा हो गया है। ऐसे में पंद्रह गांवों का सम्पर्क तो उपखंड मुख्यालय से बिल्कुल कट सा गया है।
प्रशासन व पुलिस अधिकारी भी पहुंचे
इधर, बालक के नदी में बहने की सूचना के बाद प्रशासन ने एसडीआरएफ टीम को सूचना दी। वहीं मंगलवार को उपखंड अधिकारी केशव मिश्रा, पुलिस उप अधीक्षक सांचौर, सरवाना पुलिस निरीक्षक, चितलवाना आरआई भी काफी समय तक मौके पर मौजूद रहे। इसके अलावा दिनभर प्रशासनिक अधिकारी हालात की जानकारी जुटाते रहे।
समस्याएं और भी, किससे करें फरियाद
लूनी नदी में पानी बढऩे के बाद नेहड़ के कई रास्ते पूरी तरह बंद हो गए। अब यह हालात पशुओं के साथ ही इंसानों के लिए जोखिम बन गए हैं। इसके बावजूद इसके समाधान के लिए अब तक कोई असरकारक कार्यवाही नहीं हो पाई है। हाल यह है कि इन गांवों में ना तो बिजली है और ना ही यहां के ग्रामीणों को घरेलू सामग्री व राशन उपलब्ध हो पा रहा है।
इन गांवों में हालात विकट
नेहड़ के डेडियावा, सांकरियां, खेडिय़ाली, उमरकोट, अहमदकोट, कोलियों की ढाणी सांकरिया में हालात विकट है। यहां पहुंचने के लिए लोगों को पांच किलोमीटर से अधिक पानी में तैरकर पहुंचना पड़ता है। लेकिन इन हालातों में सबसेे ज्यादा समस्या स्कूली बच्चों के लिए हो गई है। हालांकि ग्रामीण बच्चों को रपट व पानी पार करवाने में पूरी सहयोग कर रहे हैं। बावजूद खतरा हर समय बना रहता है।

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