एक सप्ताह में तीसरी बड़ी कार्रवाई, 760 कार्टन शराब बरामद
जालोर. जिला पुलिस की ओर से अवैध शराब की धरपकड़ को लेकर जारी अभियान के तहत बुधवार अलसुबह रामसीन कस्बे में बाईपास तिराहे पर ट्रक में भरकर अवैध रूप से परिवहन की जा रही 760 कार्टन देसी शराब जब्त की गई। साथ ही ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। जिला पुलिस की ओर से एक सप्ताह में की गई यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है।
पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना ने बताया कि मुखबिर की इत्तला पर बुधवार सुबह साढ़े पांच बजे रामसीन कस्बे में बाईपास तिराहे पर नर्सरी के पास सहायक उप निरीक्षक तेजाराम के नेतृत्व में कांस्टेबल दौलाराम, धर्माराम, रविन्द्र सिंह, मेहराम, सोहनलाल, मनोज व चालक मुकनाराम मय जाप्ता ने नाकाबंदी की। इस दरम्यान जालोर से भीनमाल की तरफ जा रहे ट्रक को रुकवाकर जांच की गई। जांच के दौरान ट्रक में तिरपाल के नीचे देसी शराब के पव्वों के कार्टन मिले। ट्रक चालक बांदनवाड़ा पुलिस थाना भिनाय (अजमेर) निवासी सुरेशकुमार पुत्र रामकरण प्रजापत से पूछताछ की तो उसके पास शराब परिवहन करने का वैध परमिट एवं लाइसेंस नहीं मिला। ना ही इस सम्बंध में वह संतोषजनक जवाब दे पाया। इस पर पुलिस ने राजस्थान निर्मित देसी सादा मदिरा के पव्वो से भरे विभिन्न ब्राण्ड760 कार्टन जब्त कर सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया। साथ ही शराब परिवहन में प्रयुक्त ट्रक को भी जब्त कर लिया गया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ राजस्थान आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
सप्ताह में तीसरी कार्रवाई
पुलिस की ओर से इससे पूर्व 23 अगस्त को सांचौर के नागोलड़ी की गोचर भूमि में 1100 कार्टन अवैध शराब जब्त कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही तीन वाहन जब्त किए थे। इसी तरह 27 अगस्त को रानीवाड़ा खुर्द चौराहे पर नाकाबंदी कर एक ट्रेलर को जब्त कर उसमें से 1030 कार्टन अवैध शराब जब्त की गई थी। पुलिस की ओर से तीनों बड़ी कार्रवाई में जब्त की गई शराब का मूल्य करीब एक करोड़ रुपए आंका गया है।
गुजरात होती है परिवहन
गौरतलब है कि गुजरात में शराब की पूर्ण बंदी है। ऐसे में शराब तस्करी से जुड़े लोग हरियाणा एवं राजस्थान निर्मित शराब को बड़ी तादाद में गुजरात सप्लाई करते हैं। सूत्रों की मानें तो हर साल अरबों रुपए की शराब गुजरात में अवैध रूप से सप्लाई की जाती है। गुजरात परिवहन की जाने वाली शराब में अधिकांशत: हरियाणा निर्मित होती है। कम टैक्स के कारण तस्करों के लिए यह शराब फायदे का सौदा साबित होती है। जिले में विभिन्न रूट से होते हुए सांचौर के सरहदी इलाकों में स्थित गांवों के जंगलों से होते हुए इस शराब को परिवहन किया जाता है।