नेहड़ में लूनी नदी का कहर, टापू बने कई गांव

– ग्रामीणों ने प्रशासन पर अनदेखी का लगाया आरोप, बोले- प्रशासन नहीं ले राह सुध
हाड़ेचा. लूनी नदी में पानी का बहाव तेज होने के साथ ही नेहड़ के सीमांत क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव टापू बन गए हैं। हाल यह है कि इन गांवों का आसपास के गांवों से सम्पर्क पूरी तरह टूट गया है। ऐसे में यहां के लोगों को सांचौर व चितलवाना जाने के लिए पांच फीट तक जमा पानी में तैर कर पांच से दस किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।
बिजली नहीं, राशन की किल्लत
लूनी नदी में पानी बढऩे से जहां नेहड़ के कई रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं। हाल यह है कि इन गांवों में ना तो बिजली है और ना ही यहां के ग्रामीणों को घरेलू सामग्री व राशन उपलब्ध हो पा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो करीब एक पखवाड़े से यहां बिजली आपूर्ति बंद है। इसके बावजूद अब तक प्रशासनिक अधिकारियों ने इन गांवों में पहुंच कर लोगों की सुध नहीं ली है। तो दूसरी तरफ ग्रामीणों को राशन का सामान लेने के लिए भी कई किलोमीटर पानी में तैर कर जाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों से जुटाई जानकारी
प्रशासन ने अब तक जहां इन गांवों में राहत नहीं पहुंचाई है। वहीं रविवार को सूंथड़ी सरपंच प्रतिनिधि तालब खान, जालोर भाजपा महामंत्री व समाजसेवी चुन्नीलाल पुरोहित, जलाल खां, पटवारी मांगीलाल विश्रोई ने करीब पांच किलोमीटर तक का सफर पंाच फीट तक जमा पानी तय कर इन गांवों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डेडिय़ावा, सांकरिया, उमरकोट, अहमदकोट पहुंच टीलों पर शरण लेकर बैठे ग्रामीणों से हालात की जानकारी ली।
पानी में घिरे दो दर्जन मकान
पटवारी मांगीलाल विश्रोई ने बताया कि डेडिय़ावा के करीब पच्चीस से तीस घर चारों तरफ से पानी से घिरे हुए है। यहां पहुंचने के लिए लोगों को पांच किलोमीटर से अधिक पानी में तैरकर पहुंचना पड़ता है। इधर, पानी के भराव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे मलेरिया व डेंगू का डर भी सताने लगा है। खेजडिय़ाली निवासी समाजसेवी चुन्नीलाल पुरोहित ने बताया कि नेहड़ के करीब दस गांवों के लोग पानी की आवक से परेशान है, लेकिन प्रशानिक अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, डेडियावा, सांकरियां, खेडिय़ाली, उमरकोट, अहमदकोट, कोलियों की ढाणी सांकरिया के लोगों के आवागमन बंद होने के साथ पानी के भराव के चलते टीलों पर रहना पड़ रहा है। बावजूद प्रशासन की ओर से सुध नहीं लेने पर ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
टूट कर बह गई पुलिया
खेजडिय़ाली के लिए बाड़मेर रास्ते से जाने का एकमात्र मार्ग खुला था, लेकिन यहां पुलिया टूट कर बह गई। ऐसे में यहां आवागमन के सभी रास्ते बंद हो गए। ग्रामीणों ने प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों पर भी अनदेखी का आरोप लगाते हुए बताया कि केवल वोट के लिए जनप्रतिनिधि राजनीति कर रहे हैं। यहां करीब दस गांवों के लोगों के लिए जीवन दूभर हो रखा है, लेकिन समस्या समाधान के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
लूनी नदी में बढ़ी पानी की आवक
लूनी नदी में पानी की आवक बढऩे से बहाव क्षेत्र में पानी की आवक बढ़ गई है। इससे सुराचंद, खेजडिय़ाली, टैंबी, दूठवा, पावटा, सांकरिया, सूंथड़ी ग्राम पंचायत के राजस्व गांवों के ग्रामीणों के लिए परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।
निर्देशित किया है…
नेहड़ के हालात के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। वहीं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर चिकित्सा सेवा मुवैया करवाने के लिए कहा है। पटवारी व ग्रामसेवकों को मुख्यालय पर रहने के लिए पाबंद किया गया है।
-विरेन्द्रसिंह भाटी, तहसीलदार, चितलवाना

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