जवाई बांध के गेट शनिवार को खोले जाएंगे, किसानों में उत्साह का माहौल

जालोर. पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाई में दस साल बाद पानी की अच्छी आवक व इसके गेट खोलने की अटकलों पर आखिरकार जल संसाधन विभाग ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया। जल संसाधन विभाग ने सेई बांध के ओवरफ्लो के कारण जवाई बांध में पानी की अच्छी आवक के चलते शनिवार को गेट खोलने का निर्णय किया है। साथ ही जवाई नदी के बहाव क्षेत्र के किनारे पर स्थित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने पर अपने सुरक्षा करने की हिदायत दी है।
जल संसाधन विभाग जवाई नहर खण्ड सुमेरपुर के अधिशासी अभियंता प्रतापसिंह चावड़ा ने बताया कि शुक्रवार शाम को जवाई बांध का गेज ५८.७० फीट हो गई है। साथ ही इसकी कुल भराव क्षमता ७३२७ एमसीएफटी के मुकाबले ६६०८ एमसीएफटी के आंकड़े को पार कर गया है। चूंकि जवाई बांध का कुल गेज ६१.२५ फीट है। ऐसे में बांध को छलकने के लिए २.५5 फीट पानी की आवश्यकता है। लेकिन सेई बांध से पानी की लगातार आवक एवं जालोर जिले के किसानों की लगातार मांग के चलते विभाग ने शनिवार दोपहर १२.३० बजे बांध का गेट खोलने का निर्णय किया है। शुरुआती दौर में एक गेट खोला जाएगा। इसके बाद सेई से पानी की आवक के अनुसार गेट खोलने का निर्णय किया जाएगा।
पाली व जालोर के कलेक्टरों ने लिया था जायजा
गौरतलब है कि जवाई बांध में लगातार पानी की आवक के चलते गत गुरुवार को पाली जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम व जालोर जिला कलक्टर अनिल गुप्ता ने जवाई बांध का जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने मुख्य बांध की व्यवस्थाओं, गेट खोलने की स्थिति, उपलब्ध जल राशि, जलग्रहण क्षेत्र से हो रही जल आवक, बांध पर स्थापित व्यवस्थाओं आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। उन्होंने बांध के गेट खोलने की संभावना, पानी छोडऩे की स्थिति में प्रभावित इलाकों, छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा और उससे होने वाले प्रभाव, जालोर तक पानी पहुंचने की समयावधि, सुरक्षा प्रबंध पर भी चर्चा की थी।
प्रशासन को रहना होगा अलर्ट
जवाई बांध के ओवरफ्लो के गेट खोलने पर सुमेरपुर उपखंड के साथ ही जालोर जिला प्रशासन को अलर्ट रहना होगा। गेट खोलने से पूर्व ही लोगों को वार्निंग सिस्टम लगाकर लाउड स्पीकर के माध्यम से सूचना प्रसारित करनी होगी। ताकि लोग बांध परिसर से दूर रहे। साथ ही नदी मार्ग पर आने वाले रास्तों को बंद करने, बांध पर आरएसी का जाप्ता तैनात करने, नदी के भराव क्षेत्र में बसे लोगों को दूर हटाने, नदी से दूर रहने के लिए लोगों को जागरुक करने, गेट से होने वाले पानी की निकासी पर नजर रखने, जल आवक के अनुरूप की बांध से पानी छोडऩे, सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने, अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने और बांध पर आने वाले लोगों का शाम के बाद बांध परिसर में प्रवेश निषेध करने आदि कार्यों को तत्काल प्रभाव से करना होगा।
व्यवस्थाओं में जुटा विभाग
बांध का जलस्तर भराव क्षमता के करीब पहुंचने के साथ जल संसाधान विभाग सजग हो गया है। बांध पर व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई है। जल ग्रहण क्षेत्र के साथ ही सेई व कालीबोर से जवाई बांध में निरंतर जल आवक हो रही है। जिससे जवाई का जलस्तर 58.७० फीट के पार हो गया है। बांध पर स्थित कंट्रोल रूम में सहायक अभियंता को तैनात किया गया है। अधिशासी अभियंता हालातों पर नजर रखे हैं। जलग्रहण क्षेत्र के नदी नालों में चल रहे जलप्रवाह व बारिश की स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। जल आवक का पल पल में आकलन किया जा रहा है।
जालोर जिले को होगा फायदा
गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष २००६ में बांध के ओवरफ्लो के ९ गेट खोले गए थे। जिससे जालोर जिले में करीब सवा महीने तक नदी में पानी का बहाव रहा था। इससे भूजल स्तर बढऩे के साथ ही पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ था। किसानों की मानें तो जवाई नदी में पानी की आवक होने से भूजल स्तर बढ़ेगा। इससे आगामी ५-१० सालों के लिए पानी की समस्या से राहत मिलेगी। वहीं भूजल स्तर की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
जल्दी पहुंचेगा पानी
इस बार क्षेत्र में अच्छी बारिश के चलते जवाई नदी में दो बार पानी का बहाव हो चुका है। बीते चार दिन से लगातार पानी का बहाव जारी है। ऐसे में बांध के गेट खोलने पर यह पानी जल्दी ही बहाव में पहुंचेगा।
गेट खोलने का निर्णय किया
जल संसाधन विभाग एवं पाली जिला प्रशासन से गत दिनों बैठक कर जवाई नदी में पानी छोडऩे की मांग की थी। ताकि डार्क जोन जालोर में कुएं रिचार्ज हो सके। विभाग ने शनिवार दोपहर १२.३० बजे बांध के गेट खोलने का निर्णय किया है। इससे भूजल स्तर बढऩे के साथ ही पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
शंकरसिंह राजपुरोहित, क्षेत्रीय विधायक, आहोर

2 thoughts on “जवाई बांध के गेट शनिवार को खोले जाएंगे, किसानों में उत्साह का माहौल

  • 26/08/2016 at 10:35 pm
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    Very nice first information jawai bandh

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  • 26/08/2016 at 11:14 pm
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    Good news. Lambe arse baad kudrat ki Jalore wasiyo ko saugat. Bhagwan ka lakh lakh shukriya.

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