पूर्व उप सरपंच सायला करवा रहा रास्ते की जमीन पर अतिक्रमण, सूचना के बाद भी पुलिस नहीं पहुंची मौके पर
अर्थ न्यूज. जालोर
उपखण्ड मुख्यालय सायला में रास्ते की जमीन पर शनिवार को पूर्व उप सरपंच की ओर से दीवार निकालकर कब्जा करने का प्रयास किया गया। इसका जब विरोध किया गया तो एक व्यक्ति के साथ मारपीट भी की गई। इस संबंध में परिवादी ने पुलिस थाने में मामला भी दर्ज कराया है।
हुआ यू कि सायला शनिवार दोपहर करीब 2 बजे मांगीलाल पुत्र छोगालाल फोलामुथा ने रिश्तेदारों के पक्ष में कुछ युवकों को बुलाकर रास्ते की जमीन पर ईंटों की चुणाई कर रास्ता बंद करना शुरू किया। विरोधी पक्ष के एतराज करने पर उसकी पिटाई कर दी। पीडि़त पक्ष चंपालाल जैन ने सायला पुलिस थाने को रिपोर्ट देकर बताया कि कांतिलाल पुत्र पुखराज जैन रास्ते पर दीवार बनाने रहा था। विरोध किया तो मारपीट की। रिपोर्ट में बताया कि मांगीलाल पुत्र छोगालाल फोलामुथा, कांतिलाल पुत्र पुखराज जैन, झिनिया, रामा पुत्र केवाराम मेघवाल निवासी सायला सहित अन्य अज्ञात लोगों ने मारपीट की।
पुलिस नहीं आई मौके पर
सूचना पर विकास अधिकारी छोगाराम विश्नोई, ग्राम विकास अधिकारी दिनेश राजपुतोहित भी मौके पर पहुंचे तथा रास्ते की दीवार पर हो रहे निर्माण का निरीक्षण कर कांतिलाल पुत्र पुखराज जैन को बिना अनुमति के कार्य नहीं करते हुए बंद करने को कहा। इधर, रास्ते पर दीवार बनाने की सूचना के बाद भी पुलिस के उच्च अधिकारियों के दबाव में कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा।
तीन माह पूर्व खुलवाया था रास्ता
ग्राम पंचायत की ओर से पूजा सेरी में खातेदारी भूमि में जाने वाले बंद रास्ते को शिकायत के आधार और जांच के बाद अतिक्रमण हटाकर खुलवाया गया था। कांतिलाल पुत्र हिम्मताजी जैन निवासी सायला ने 19 नवंबर 2017 को आबादी भूमि पूजा पादरला, सेरी से सटी हुई खातेदारी भूमि में जाने वाले रास्ते को कांतिलाल पुत्र पुखराज जैन निवासी सायला द्वारा छीने लगाकर अवरुद्ध करने पर ग्राम पंचायत में काश्तकारी अधिनियम की धारा 251 के तहत रास्ता खुलवाने के लिए प्राथना पत्र दिया था। जिस पर सायला सरपंच सुरेश राजपुरोहित ने 19 नवंबर को ही तीन वार्ड पंचों की एक मौका कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद 20 दिसंबर को पंचायत की बैठक में अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया। 2 जनवरी को ग्राम पंचायत की ओर से मौके पर पहुंचकर हटाने की कार्रवाई कर जेसीबी व मजदूरों की सहायता से रास्ते को अवरुद्ध करने के लिए लगाई गई पट्टियों को जब्त कर रास्ता खुलवाया था।