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भाजपा नेता को पैसों का घमंड, व्यक्ति ने प्लॉट नहीं बेचा तो रातों-रात चबुतरा बनवाकर शिवलिंग लगा दिया, जानिए कौन है यह भाजपा नेता

अर्थ न्यूज. जालोर

कहते हैं ज्यादा पैसा भी इंसान के दिमाग को पथ भ्रष्ट कर देता है। जालोर शहर में एक भाजपा नेता इन दिनों ऐसा ही कुछ कर रहा है। विधायक बनने के सपने देखने वाले इस नेता ने अपने पड़ौस के एक प्लॉट को खरीदने के लिए पहले तो उसके मालिक को पैसे ऑफर किए, लेकिन जब उस व्यक्ति ने प्लॉट बेचने से स्पष्ट मना कर दिया तो उस नेता ने रातों-रात उसके प्लॉट के आगे शिवलिंग स्थापित कर चबुतरा बना दिया। ताकि उसके प्लॉट की रेट कम हो तथा वह परेशान होकर प्लॉट को बेच दे। प्लॉट मालिक ने पहले तो मीडिया से भी शिकायत की थी, लेकिन बाद में दबाव के कारण व्यक्ति पीछे हट गया।

आइए, जानिए पूरे मामला

हम बात कर रहे हैं भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शंकरलाल भादरू की। भादरू के मकान के पास पुराने गैस गोदाम वाली जगह पर आधे में उस मालिक का मकान बना हुआ है, जबकि आधा प्लॉट खाली पड़ा है। जिसके दीवार बनी हुई है। भादरू ने इसके मालिक को खाली पड़े प्लॉट को खरीदने की इच्छा जताई थी, लेकिन उसने प्लॉट बेचने से स्पष्ट इंकार कर दिया। इधर, भादरू ने उस प्लॉट को बेचने का उस मालिक पर दबाव भी बनाया, लेकिन उस प्लॉट मालिक ने बेचने से स्पष्ट इंकार कर दिया। इस पर भादरू ने एकबारगी तो उस अधिकारी को धमकाया भी। इसके बाद अधिकारी ने मीडिया से संपर्क कर यह मामला बताया था, लेकिन बाद में किसी कारणवश उन्होंने मामले को नहीं बढ़ाने की बात कही। बताते चले कि वहां एक पुराना छोटा महादेव मंदिर कई सालों पूर्व स्थापित कर रखा था। जहां की देखरेख करने वाला तक कोई नहीं था और इस जगह पर गंदा नाला होने के कारण गंदगी पसरी रहती थी। यह प्लॉट बेचने से मना करने पर शंकरलाल भादरू ने महाशिवरात्रि को यहां एक चबुतरा बनाकर उस पर शिवलिंग स्थापित कर दिया। पास ही एक पीपल का पेड़ लगा दिया।

विधायक बनने से पहले ही यह स्थिति

शंकरलाल भादरू इन दिनों सुर्खियों में है। एक तो इसलिए कि वे जालोर विधानसभा से भाजपा से टिकट लाकर विधायक बनने का सपना देख रहे हैं। शंकरलाल भादरू की माने तो उनका टिकट फाइनल है और वे जालोर से विधायक बनेंगे। ठेकेदारी के काम से राजनीति में आने के बाद शंकरलाल भादरू अब स्वयं को बड़े पदाधिकारी की तरह समझ रहे हैं। हाल ही में तो सांसद देवजी पटेल से भी उलझ गए थे। चर्चा में रहने का दूसरा कारण उनके बेटे की शादी का आमंत्रण कार्ड रहा। कार्ड के पीछे भाजपा के कई उच्चाधिकारियों के नाम लिख दिए। उनका तो यहां तक कहना था कि देश के गृहमंत्री राजनाथसिंह भी इस शादी समारोह में आ रहे हैं। जब भाजपा के ये पदाधिकारी नहीं आए तो शादी कार्ड के पीछे इस तरह नाम लिखवाना शहर में चर्चा का विषय रहा। इधर, सवाल यह भी उठता है अभी विधायक ही नहीं बने उससे पहले किसी के प्लॉट को जबरदस्ती खरीदने के लिए उसके घर के आगे मंदिर बनवा सकते हैं तो जीतने के बाद तो क्या स्थिति होगी? अंदाजा लगाया जा सकता है।