कब आपने आख़िरी बार किसी खबर पर भरोसा करके तुरंत उसे आगे शेयर किया? आज हर तरफ खबर ही खबर है, पर भरोसेमंद स्रोत ढूंढना मुश्किल हो गया है। अगर आप सही समाचारपत्र चुनना चाहते हैं, तो कुछ आसान और सीधे तरीक़े हैं जिनसे आप रोज़ की खबरें साफ़ और भरोसेमंद पा सकेंगे।
सबसे पहले देखें कि समाचार में स्रोत बताये गए हैं या नहीं। बायलाइंस (लेखक का नाम), संदर्भ, और आधिकारिक घोषणाओं का हवाला होना अच्छा संकेत है। अगर हर रिपोर्ट में सिर्फ राय है और कोई स्रोत नहीं, तो सतर्क रहें।
प्रकाशन की पारदर्शिता भी ज़रूरी है — मालिक कौन है, संपादकीय नीति क्या है, और क्या गलती होने पर सुधार प्रकाशित करते हैं? जिन समाचारपत्रों में सुधार यानी corrections साफ दिखते हैं, वे ज़्यादा भरोसेमंद होते हैं।
स्थानीय रिपोर्टिंग की क्षमता भी देखें। स्थानीय संवाददाता और फ़ील्ड रिपोर्टिंग दर्शाती है कि जगह पर पत्रकार मौजूद हैं, न कि सिर्फ रिपब्लिश की गई खबरें।
डिजिटल साइट्स तेज़ हैं और अपडेट जल्दी देती हैं, लेकिन इनमें भी क्लिकबेट और अनाच्छादित खबरें मिल सकती हैं। प्रिंट संस्करण में अक्सर गहन रिपोर्टिंग रहती है। मैं कहूँगा: दोनों का संतुलन रखें — रोज़ाना अपडेट के लिए भरोसेमंद डिजिटल और फ़ीचर पढ़ने के लिए प्रिंट/ई-पेपर।
सत्यापन के सरल टिप्स: एक खबर को कम से कम दो स्वतंत्र स्रोतों से क्रॉस-चेक करें; तस्वीरों के लिए रिवर्स इमेज सर्च करें; तारीख और समय देखना मत भूलें — पुरानी खबरें नए संदर्भ में भ्रम पैदा कर सकती हैं।
हैडलाइन पढ़कर फ़ैसला मत लें। कई बार हैडलाइन सनसनीखेज होती है पर लेख सामर्थ्यहीन। लेख पढ़ें, स्रोत देखें और अगर आंकड़े दिए हों तो उनका संदर्भ जाँचे।
सब्सक्रिप्शन का फ़ायदा यह है कि पेड न्यूज मॉडल अक्सर विज्ञापन दबाव से कम प्रभावित होता है। पर हर पेड साइट अच्छा नहीं; पहले एक महीने फ्री ट्रायल में लेखों की गुणवत्ता पर निगाह रखें।
अंत में, अपनी लिस्ट बनाइए: तीन ऐसे समाचारपत्र चुनें जिनकी रिपोर्टिंग आपको सबसे साफ़ लगे। रोज़ एक-एक रिपोर्ट को क्रॉस-चेक करके उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखें। समय के साथ आप समझ जाएंगे कौन स्थिर और भरोसेमंद है।
रोज़ की खबरें तेज़ हैं, लेकिन समझदारी से चुनने पर ही सही जानकारी मिलती है। छोटा कदम: अगली बार कोई समाचार पढ़ें तो स्रोत, तारीख और सुधार नीति पर एक नजर ज़रूर डालें। यही तरीका आपको सर्वश्रेष्ठ समाचारपत्र तक पहुँचाएगा।
आओ भारत के कुछ शानदार अखबारों की बात करें! तो पहले नाम आता है "दैनिक जागरण" जो हमें नवीनतम खबरों से अच्छी तरह से अवगत कराता है - रोजाना उसकी कापी मेरे नास्ते का साथी होती है। दूसरा नाम है "हिन्दुस्तान टाइम्स" जो उच्चतम गुणवत्ता की खबरों को देता है, और मेरे लिए तो यह एक रोजमर्रा की चाय के साथ पढ़ने वाली एक उत्कृष्ट पुस्तिका है। "द टाइम्स ऑफ इंडिया" और "हिन्दी मिलाप" भी अपनी विविधता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध हैं। तो चलो, अगली बार अपने चाय के साथ इन अखबारों को भी जोड़ें और खबरों के साथ-साथ कुछ मजेदार भी पढ़ें।
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