क्या आपने कभी सोचा है कि कोई अखबार भरोसेमंद है या नहीं? सिर्फ बड़ा नाम ही सब कुछ नहीं बताता। अच्छे समाचारपत्र की कुछ साफ और मापनीय खासियतें होती हैं जो किसी भी खबर को सच या फर्जी से अलग करती हैं। नीचे मैं सीधी भाषा में बताता/बताती हूं कि कौन‑सी बातें देखनी चाहिए और क्यों।
अच्छा समाचारपत्र स्पष्ट स्रोत देता है। खबर में लेखक का नाम, तारीख और स्रोत (आधिकारिक बयान, रिपोर्टर फील्ड रिपोर्ट, या बयान) होना जरूरी है। अगर कोई लेख बिना स्रोत के बड़ी दावों से भरा है तो सतर्क रहें।
संपादन और तथ्य-जाँच भी अहम है। बड़े गलतियों वाले लेख या बिना संपादकीय देखे प्रकाशित रिपोर्ट्स भरोसेमंद नहीं मानी जानी चाहिए। अच्छे अखबार में स्पेलिंग, तिथियों और आंकड़ों की जाँच होती है।
समाचार का संतुलन भी देखें: क्या अलग नजरिए और प्रतिवाद शामिल हैं? केवल एक‑तरफा बयान अक्सर पक्षपात दिखाता है।
सूचना का तरीका भी मायने रखता है। हेडलाइन जिंदा रहे, पर भ्रामक न हो। हेडलाइन और लेख का मेल होना चाहिए। सब‑हेड्स, बुलेट और साफ पैराग्राफ पढ़ने में मदद करते हैं।
ताजगी या समयबद्धता: समाचार कब प्रकाशित हुआ और क्या उसमें अपडेट दिए गए—यह देखें। डिजिटल संस्करण में अपडेट टाइमस्टैम्प होना जरूरी है।
विज्ञापन और सामग्री में फर्क समझें। कभी‑कभी विज्ञापन खबर जैसा दिखता है (advertorial)। अखबार स्पष्ट रूप से बताता है कि क्या भुगतान किया गया कंटेंट है।
स्थानीय बनाम राष्ट्रीय कवरेज भी अलग होती है। स्थानीय अखबार स्थानीय मुद्दों की बेहतर रिपोर्टिंग करते हैं, जबकि राष्ट्रीय पेपर व्यापक विश्लेषण और पोलिसी पर चर्चा देते हैं। अपनी जरूरत के हिसाब से चुनें।
पाठक के लिए व्यावहारिक जांच सूची: 1) लेख में स्रोत और लेखक है? 2) क्या तथ्य‑जाँच के संकेत मिलते हैं? 3) हेडलाइन और कंटेंट मेल खाते हैं? 4) संपादन और भाषा साफ है? 5) क्या कंटेंट में विज्ञापन या प्रायोजित सामग्री अलग दिखाई जाती है?
डिजिटल युग में सोशल शेयरिंग और नोटिफिकेशन भी एक फ़ैक्टर है: तेज अपडेट अच्छी बात है, पर स्पीड के लिए तथ्य छोड़ना सही नहीं। बैलेंस वही अच्छा अखबार देता है जो फटाफट खबर के साथ सही जानकारी भी देता है।
अंत में, अपने पढ़ने के तरीके को बदलें: एक ही खबर के लिए दो‑तीन स्रोत देखें, तथ्य की पुष्टि करें और हमेशा स्रोत पर ध्यान दें। यही सरल तरीका है बेहतर और भरोसेमंद समाचार चुनने का।
आओ भारत के कुछ शानदार अखबारों की बात करें! तो पहले नाम आता है "दैनिक जागरण" जो हमें नवीनतम खबरों से अच्छी तरह से अवगत कराता है - रोजाना उसकी कापी मेरे नास्ते का साथी होती है। दूसरा नाम है "हिन्दुस्तान टाइम्स" जो उच्चतम गुणवत्ता की खबरों को देता है, और मेरे लिए तो यह एक रोजमर्रा की चाय के साथ पढ़ने वाली एक उत्कृष्ट पुस्तिका है। "द टाइम्स ऑफ इंडिया" और "हिन्दी मिलाप" भी अपनी विविधता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध हैं। तो चलो, अगली बार अपने चाय के साथ इन अखबारों को भी जोड़ें और खबरों के साथ-साथ कुछ मजेदार भी पढ़ें।
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