जब आप इस टैग पर आते हैं तो उम्मीद रखें कि आपको वे स्टोरीज़ मिलेंगी जो लोगों, मीडिया और समाज के बीच टकराव या दिलचस्प हालत दिखाती हैं। 'मदिराले आदमी' यहाँ किसी एक घटना का नाम नहीं, बल्कि उन कहानियों का ग्रुप है जिनमें इंसान की कमजोरियाँ, तर्क-वितर्क और कभी-कभी अजीब नजरिए सामने आते हैं।
यहां मिली पोस्ट्स साधारण खबरों से अलग होती हैं — कभी मीडिया की आलोचना, कभी जनता की प्रतिक्रिया, कभी किसी क्रिकेट मैच का नज़रा। उदाहरण के तौर पर हमारी साइट पर आप 'भारतीय समाचार चैनल पूरी तरह से बेकार क्यों हैं?', 'भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ समाचारपत्र कौन से हैं और क्यों?', और 'IND vs ENG Day 4...' जैसी कहानियाँ देखेंगे। ये सब पढ़कर आपको समझ आएगा कि कैसे समाचार, व्यवहार और सार्वजनिक राय एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
अगर आप ऐसी रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं जो सीधे-सीधे लोग और मीडिया के व्यवहार को दिखाती हों, तो यह टैग काम का है। उदाहरण: किसी सार्वजनिक जगह पर दिखा बर्ताव, खबरों की खामियाँ, या फिर राजनीतिक और सामाजिक टिप्पणियाँ — ये सब इसी टैग में सुलभ रहते हैं। क्या आप किसी घटना के पीछे की वजह जानना चाहते हैं? यहाँ की लेखन शैली तर्क और अनुभव पर टिकती है, इसलिए खबर के अलावा राय भी मिलेगी।
पहले लेख का शीर्षक पढ़ें और संक्षेप (description) देखें। इससे आपको पता चल जाएगा कि लेख पत्रकारिता पर केंद्रित है या व्यक्तिगत टिप्पणी पर। अगर विषय संवेदनशील है — जैसे सार्वजनिक व्यवहार या आलोचना — तो लेख में दिये गए तथ्यों को नोट करें और संदर्भ पूछें। हमारी साइट पर आप पाएंगे कि कुछ लेख विश्लेषण पर जोर देते हैं और कुछ सीधे-सीधे अनुभव या राय साझा करते हैं।
क्या आप इस टैग की कहानियों को अपनी जरूरत के हिसाब से फिल्टर करना चाहते हैं? पोस्ट सूची में मौजूद शीर्षकों से चुनें: राजनीति, मीडिया समीक्षा, खेल कवरेज या पब्लिशिंग गाइड। उदाहरण के लिए, 'भारत क्यों विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में शीर्ष पर है?' जैसा लेख समाज के बड़े मुद्दे उठाता है, जबकि 'क्यों भारत में एक अंतर्राष्ट्रीय समाचार नेटवर्क नहीं है?' मीडिया की संरचना पर सवाल करता है।
अगर आपको कोई कहानी दिलचस्प लगे तो टिप्पणी कर के अपनी राय दें या हमें बताएं कि आप किस पहलू पर और पढ़ना चाहते हैं। हम कोशिश करते हैं कि पढ़ने वाला सीधे उपयोगी जानकारी पाए — चाहे वह कानूनी सुझाव न हो, पर व्यवहारिक टिप्स, संदर्भ और आगे पढ़ने के रास्ते मिलें।
आखिर में, इस टैग का मकसद है साधारण विषयों के पीछे की जटिलता दिखाना — मीडिया, इंसान और समाज के बीच के छोटे-छोटे जोड़। आप नियमित रूप से नई पोस्ट चेक करें और वही चुनें जो आपके लिए स्पष्ट और काम की जानकारी दें।
दिल्ली मेट्रो पर एक मदिराले आदमी एक ऐसे आदमी होता है जो दिल्ली मेट्रो के सभी क्षेत्रों में पूजा-आराधना करता है। यह आदमी हर दिन सात से आठ बजे को मदिराले आदमी के रूप में मेट्रो स्टेशन पर प्रस्तुत होता है और पूजा-आराधना करता है। यह आदमी दिल्ली मेट्रो के सभी क्षेत्रों में पूजा-आराधना करता है, तथा साथ ही उन्हें भाग्य सुनाने के लिए अनुरोध सुनने के लिए आता है।
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